'मावल' लोकसभा सीट पर मुश्किल हो सकती है शरद पवार के पोते की राह, जानिए पूरा गणित
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'मावल' लोकसभा सीट पर मुश्किल हो सकती है शरद पवार के पोते की राह, जानिए पूरा गणित

पुणे जिले में एनसीपी की मजबूत पकड़ है लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर जीत हासिल करने में पार्टी विफल रही है.

फाइल फोटो

पुणे: महाराष्ट्र का मावल लोकसभा क्षेत्र अचानक से हाई प्रोफाइल हो गया है जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के पौत्र पार्थ पवार शिवसेना के उम्मीदवार श्रीरंग बार्ने को चुनौती दे रहे हैं. पार्थ, पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र हैं और पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. पवार परिवार की यह तीसरी पीढी है जो इस बार चुनाव मैदान में है, इससे स्थानीय राजनीति में उथल पुथल मच गयी है. बार्ने ने पार्थ की चुनौती को खारिज करते हुए कहा कि लोकसभा क्षेत्र में एनसीपी के पास संगठनात्मक कमी है जो पुणे जिले के पिम्परी से रायगढ जिले के पनवेल तक फैला है.

2014 में NCP कार्यकर्ताओं ने दिया था BJP और शिवसेना का साथ
बार्ने को उत्तर देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का मानना है कि पार्थ को विभिन्न धड़ों के लोगों का मत मिलेगा, जो पार्थ और उनके पिता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के किये गए कार्यों की सराहना कर रहे हैं. एनसीपी के एक नेता ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ता जिसने 2014 के निर्वाचन के दौरान अपनी वफादारी भाजपा और शिव सेना की तरफ दिखायी थी, वह पवार के वंशज के लिए वापस लौटने के इच्छुक हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में 22 लाख मतदाता हैं और छह विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें पिंपरी, चिंचवाड़ और मावल पुणे जिले में है जबकि उरन, पनवेल और करजात रायगढ़ जिले में है.

पार्थ पवार की एकमात्र योग्यता है कि वह पवार परिवार से है- श्रीरंग बार्ने
सत्ता विरोधी लहर को खारिज करते हुए बार्ने ने कहा कि पार्थ की एकमात्र योग्यता यह है कि वह पवार खानदान से आते हैं. पुणे जिले में एनसीपी की मजबूत पकड़ है लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर जीत हासिल करने में पार्टी विफल रही है. उसके बाद हुए दो लोकसभा चुनावों में यहां शिवसेना ने जीत दर्ज की है. बार्ने ने कहा, ‘‘मेरे काम से कोई असंतुष्ट नहीं है. मैंने केंद्र और राज्य सरकारों की कई योजनाओं को लागू किया है. मैंने जल अभाव से लेकर रेलवे संपर्क तक के कई मुद्दों को सुलझाया है. एक नया पासपोर्ट कार्यालय भी स्थापित किया गया है.’’ 

लोगों को चाहिए युवा और साफ-सुथरी छवि का नेता- एनसीपी
एनसीपी के पुणे जिला अध्यक्ष प्रदीप गरटकर ने कहा कि लोकसभा क्षेत्र के युवा पार्थ की उम्मीदवारी का इंतजार कर रहे थे क्योंकि वह साफ सुथरी छवि वाला एक युवा नेता चाह रहे थे जो उनका प्रतिनिधित्व करे. उन्होंने बताया कि चुनावी अखाड़े में पार्थ का प्रवेश पार्टी के अंदर धड़ेबंदी को समाप्त कर देगा. उन्होंने कहा कि 2014 में ‘‘नरेंद्र मोदी लहर’’ के कारण पार्टी को यहां हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ता पार्थ को चुनने के लिए कठिन मेहनत करेंगे. 

शिवसेना के लिए बीजेपी विधायक जगताप चिंता का विषय
बार्ने के लिए चिंता का विषय पिम्परी से भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप हैं जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि विधायक के शिव सेना सांसद के साथ संबंध अच्छे नहीं है. हालांकि, भाजपा नेता गिरीश महाजन के हस्तक्षेप के बाद बार्ने और जगताप ने सोमवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की कि वह दोनों एक साथ हैं.

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