लोकसभा चुनाव : बिहार में मोदी की 'सुनामी', 40 में से 39 सीटों पर NDA ने लहराया जीत का परचम
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लोकसभा चुनाव : बिहार में मोदी की 'सुनामी', 40 में से 39 सीटों पर NDA ने लहराया जीत का परचम

बीजेपी ने राज्य की 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उसके सभी उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने भी 17 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और उसके केवल एक उम्मीदवार को छोड़कर शेष 16 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की.

बिहार में एनडीए की बंपर जीत. (तस्वीर- IANS)

पटना : बिहार में आई 'मोदी सुनामी' के लहर में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत जीत हासिल की और उसके सहयोगी दलों जेडीयू और लोजपा ने भी शानदार प्रदर्शन किया जिसके दम पर एनडीए ने राज्य की 40 में से 39 सीटें जीत ली जबकि एक सीट विपक्षी कांग्रेस के खाते में गयी है. 

बीजेपी ने राज्य की 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उसके सभी उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने भी 17 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और उसके केवल एक उम्मीदवार को छोड़कर शेष 16 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. पार्टी को केवल मुस्लिम बहुल किशनगंज सीट पर कांग्रेस ने हराया.

इसके अलावा राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा ने छह सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और सभी छह उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब रहे. इससे पहले 2014 में भी लोजपा ने छह सीटें जीती थीं लेकिन उस समय उसने सात उम्मीदवार खड़े किए थे.

जेडीयू के लिए एनडीए में वापसी सही फैसला रहा. उसने पांच साल पहले केवल दो सीटें जीतीं थी लेकिन इस बार उसने 16 सीटों पर जीत हासिल की. पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी गठबंधन से अलग, अपने दम पर चुनाव में उतरी थी.

>> नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली. किशनगंज में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद जावेद ने जेडीयू के सैयद महमूद अशरफ को 34466 मतों से अंतर से हराया. यह राज्य में पिछले कई दशकों में कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन है. 

>> कांग्रेस की रंजीत रंजन को सुपौल में जेडीयू के दिलेश्वर कमैत ने 2.66 लाख मतों से हराया. राकांपा छोड़कर पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए तारिक अनवर को कटिहार में जेडीयू के दुलाल चंद गोस्वामी ने 55000 से अधिक मतों के अंतर से धूल चटाई.

>> पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पिछली बार की तरह इस बार भी सासाराम बीजेपी के छेदी पासवान के हाथों हार का स्वाद चखना पड़ा. 

>> इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका राज्य में विपक्षी ‘महागठबंधन’ का नेतृत्व करने वाले आरजेडी को लगा. पार्टी 19 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन एक सीट पर भी उसे जीत नसीब नहीं हुई. वर्ष 1997 में लालू प्रसाद की पार्टी के गठन के बाद से उसकी ऐसी हालत पहली बार हुई है. प्रसाद की बेटी मीसा भारती को पाटलीपुत्र में बीजेपी के राम कृपाल यादव ने हराया.

>> आरजेडी उम्मीदवार चंद्रिका राय को सारण में बीजेपी के राजीव प्रताप रुडी ने 1.38 लाख मतों के अंतर से हराया. 

>> पटना साहिब सीट पर केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को 2.85 लाख से अधिक वोटों से हराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कटु आलोचक सिन्हा इस सीट से दो बार सांसद रहे हैं. वह करीब एक महीने पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

>> बेगूसराय सीट पर केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाकपा उम्मीदवार कन्हैया कुमार को चार लाख से अधिक वोटों से हराया. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नवादा सीट से जीत दर्ज करने वाले गिरिराज को इस बार बीजेपी ने बेगूसराय से अपना उम्मीदवार बनाया था. शुरू में वह बेगूसराय से चुनाव लड़ने को लेकर अनिच्छुक थे. गिरिराज को बेगूसराय में डाले गए कुल 12.17 लाख वोटों में से 6.88 लाख वोट मिले. जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान देशद्रोह के एक मुकदमे में गिरफ्तार किए जाने से पहली बार चर्चा में आए कन्हैया को 2.68 लाख वोट मिले. साल 2014 में बेगूसराय सीट पर दूसरे नंबर पर रहे आरजेडी नेता और महागठबंधन उम्मीदवार तनवीर हसन को महज 1.97 लाख वोट मिले और वह तीसरे पायदान पर रहे.

>> केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी उम्मीदवार राज कुमार सिंह को आरा जबकि अश्विनी कुमार चौबे को बक्सर सीट पर जीत मिली. सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाकपा-माले के उम्मीदवार राजू यादव को 1.41 लाख वोटों से हराया जबकि चौबे ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह को 1.15 लाख वोटों से हराया. 

>> केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह पूर्वी चंपारण की अपनी सीट पर फिर से जीत हासिल करने में सफल रहे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं रालोसपा उम्मीदवार आकाश सिंह को तीन लाख से अधिक वोटों से पराजित किया.

>> एनडीए से नाता तोड़ने से पहले मोदी मंत्रिपरिषद के सदस्य रहे रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा काराकाट सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं जेडीयू उम्मीदवार महाबलि सिंह से 84542 मतों के अंतर से हार गए.

>> समस्तीपुर लोकसभा सीट से लोजपा के उम्मीदवार रामचंद्र पासवान ने कांग्रेस के अशोक कुमार को 1.5 लाख से अधिक वोटों से हराया है.

>> अररिया में बीजेपी ने प्रदीप कुमार सिंह ने आरजेडी के सरफराज आलम को हराया है.

>> भागलपुर सीट पर जेडीयू उम्मीदवार अजय मंडल ने इस सीट से सांसद रहे आरजेडी उम्मीदवार शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को 2.66 लाख वोटों से हराया है. पांच साल पहले बुलो मंडल ने बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को भागलपुर सीट पर मात दी थी. 

>> गोपालगंज (आरक्षित) सीट पर जेडीयू के आलोक कुमार सुमन ने आरजेडी के सुरेंद्र राम को हराया. इस सीट पर 2014 में बीजेपी के जनक राम ने जीत दर्ज की थी.

>> खगड़िया सीट पर लोजपा के मौजूदा सांसद महबूब अली कैसर ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक अध्यक्ष मुकेश सहनी को 2.45 लाख वोटों से हराया.

>> कटिहार सीट पर तारिक अनवर ने 2014 में एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़कर बीजेपी के निखिल कुमार चौधरी को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था. अनवर पिछले साल करीब तीन दशक बाद कांग्रेस में लौटे थे. वह लंबे समय तक शरद पवार की राकांपा के सदस्य रहे थे.

>> जमुई से लोजपा उम्मीदवार चिराग पासवान ने रालोसपा के उम्मीदवार भूदेव चौधरी को 2,41,049 वोटों से हराया.

>> लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग दूसरी बार जमुई (आरक्षित) सीट से जीते हैं. एनडीए में शामिल लोजपा ने बिहार की छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और इन सभी पर उसे जीत मिली.

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