Lok Sabha result 2019: सुनहरे भविष्य के लालच में बदला दल, लेकिन किस्मत ने भी उनका नहीं दिया साथ
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Lok Sabha result 2019: सुनहरे भविष्य के लालच में बदला दल, लेकिन किस्मत ने भी उनका नहीं दिया साथ

अभिनय से राजनीति में आये शत्रुध्न सिन्हा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से दो लाख 83 हजार मतों से हार गए. 

 भोजपुरी अभिनेता रवि किशन गोरखपुर में तीन लाख से अधिक मतों से जीत गए. (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः  लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थामने वाले ‘दल बदलुओं’ का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार ऐसे 76 उम्मीदवारों में से अधिकतर अपनी सीटों पर हार की कगार पर हैं. अभिनय से राजनीति में आये शत्रुध्न सिन्हा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वह बिहार की पटना साहिब सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से दो लाख 83 हजार मतों से हार गए. 

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मधेपुरा में पूर्व जद (यू) नेता और राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शरद यादव जद (यू) के दिनेश चंद्र यादव से तीन लाख से अधिक मतों से पीछे हैं. शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आये तारिक अनवर कटिहार में जद (यू) के डी सी गोस्वामी से 57000 मतों से हार गए. 

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क्रिकेट से राजनीति में आये कीर्ति आजाद धनबाद में तीन लाख 99 हजार मतों से पीछे हैं . वह चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये थे जबकि दरभंगा से वह तीन बार भाजपा सांसद रह चुके हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर से भाजपा के कैलाश चौधरी से तीन लाख 23 हजार मतों से हार गए. 

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इस बीच भोजपुरी अभिनेता रवि किशन गोरखपुर में तीन लाख से अधिक मतों से जीत गए. रवि किशन पिछली बार जौनपुर से कांग्रेस के टिकट पर हार गए थे लेकिन इस बार वह भाजपा के उम्मीदवार हैं. कर्नाटक में तीन नेता कांग्रेस से भाजपा में आये जिनमें से दो आगे चल रहे है. उमेश यादव ने गुलबर्गा में कांग्रेसी दिग्गज मल्लिकार्जुन खड़गे को हराया जबकि वाई देवेंद्रप्पा बेल्लारी में जीत गए. 

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वहीं हासन से भाजपा उम्मीदवार ए मंजू पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पौत्र प्रज्जवल रेवन्ना से 1.41 लाख मतों से हार गए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. वह महाराष्ट्र की अहमदनगर सीट से 2 . 77 लाख मतों से आगे हैं. महाराष्ट्र की ही चंद्रपुर सीट से शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आये सुरेश धानोरकर मौजूदा भाजपा सांसद हंसराज गंगाराम अहिर से आगे हैं. 

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नांदेड़ में शिवसेना से भाजपा में आये प्रताप चिखलिकर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण से 40000 मतों से आगे हैं. बीजद से निकाले गए बैजयंत पांडा केंद्रापाड़ा से भाजपा के टिकट पर एक लाख से अधिक मतों से पीछे है. कांग्रेस से तेदेपा में आई पूर्व केंद्रीय मंत्री पनबाका लक्ष्मी तिरूपति सीट पर दो लाख से अधिक मतों से पीछे हैं.

आप के धरमवीर गांधी पंजाब में पटियाला में पीछे चल रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नसीमुद्दीन सिद्दीकी बिजनौर में पीछे चल रहे हैं जबकि सावित्री बाई फुले बहराइच में हार गई .

(इनपुट भाषा)

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