राजस्थान: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर कांग्रेस के नेता ने फिर दिया विवादित बयान
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राजस्थान: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर कांग्रेस के नेता ने फिर दिया विवादित बयान

उदित राज ने पुलवामा हमले को लेकर कहा, जब भाजपा नेता जेएनयू में कंडोम का पता कर सकती है तो फिर पुलवामा में 300 किलो आरडीएक्स का पता करने में उनकी इंटेलिजेंस क्यों विफल हो गई. 

उदित राज से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर विवादित बयान दिया था.

जयपुर: भाजपा के पूर्व सांसद हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं और कांग्रेस में शामिल होते ही दलित नेता उदित राज ने राष्ट्रपति कोविंद नाथ को लेकर विवादित बयान दिया. जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए उदित राज ने कहा, भाजपा ने दलित वोट हासिल करने के लिए एक अयोग्य नेता को राष्ट्रपति के पद पर बैठा दिया. गूंगे बहरे आदमी को राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दे दी.

भाजपा केवल दलितों के वोट हासिल करना चाहती है. मजबूत दलित नेता नहीं चाहती. अगर राष्ट्रपति कोविंद दलितों के लिए कुछ करना चाहते तो उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए थी. मीडिया के सवालों के जवाब में उदित राज ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद की गरिमा पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर कोंविद की योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं. उदित राज ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहली बार ऐसा बोल रहे हैं. 

पार्टी के भीतर रहकर भी उन्होंने समय समय पर अपनी आवाज बुलंद की. उदित राज ने कहा देश में भाजपा दलित महिला और मुस्लिम विरोधी है और वह कांग्रेस पार्टी में दलित मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए शामिल हुए हैं. उन्हें टिकट का मोह नहीं बल्कि वह संगठन को मजबूत करना चाहते हैं. उनकी कोशिश है 15 से 20 सीट ऐसी जहां दलित वोटों का प्रभाव है उस प्रभाव के जरिए भाजपा को हराया जाए. 

उदित राज ने पुलवामा हमले को लेकर भी सवाल खड़े किए और कहा, जब भाजपा नेता जेएनयू में कंडोम का पता कर सकती है तो फिर पुलवामा में 300 किलो आरडीएक्स का पता करने में उनकी इंटेलिजेंस क्यों विफल हो गई. उदित राज ने यह भी कहा कि वे अपने अयोध्या के बौद्ध नगरी होने को लेकर किए गए दावे को अभी भी कायम है. उदित राज यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा, आज देश में हालात बेहद खराब हैं देश को केवल दो लोग, नरेंद्र मोदी और अमित शाह चला रहे हैं. 

अमित शाह सबरीमाला में दिए कोर्ट के फैसले को लेकर भी विरोध की भूमिका में नजर आते हैं. दलितों को लेकर सरकार की कोई योजना नहीं है. मुद्रा लोन जैसी योजना का भी दलितों को कोई लाभ नहीं मिल रहा. देश में सीमा पर आए दिन जवान शहीद हो रहे हैं. नरेंद्र मोदी भले ही खुद को मजबूत नेता कहें लेकिन देश उनके हाथों में सुरक्षित नहीं है.

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