यूपी में गैर कांग्रेस, गैर भाजपाई राजनीति का दूसरा नाम है आजम खान
Advertisement
trendingNow1529373

यूपी में गैर कांग्रेस, गैर भाजपाई राजनीति का दूसरा नाम है आजम खान

1993 के बाद आजम खान साल 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी सपा के टिकट पर विधायक चुने गए.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) में देशभर की जिन प्रमुख सीटों पर सभी की नजरें हैं उनमें से एक रामपुर लोकसभा सीट भी है. यूं तो रामपुर शहर का नाम अपने चाकुओं के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं. लेकिन राजनीतिक गलियारे में रामपुर का जिक्र एक शख्स की चर्चा किए बिना अधूरा है और वह नाम है मोहम्मद आजम खान. देश में गैर भाजपाई और गैरकांग्रेसी राजनीति का अहम चेहरा रहे आजम खान ने साल 1980 में अपना पहला चुनाव इंदिरा गांधी को चुनाव हराने वाले राज नारायण की पार्टी जनता पार्टी (सेक्यूलर) से जीता था. आजम यूपी की आठवीं विधानसभा के सदस्य चुने गए थे. 

आजम खान ने साल 1985 में रामपुर सीट से ही यूपी विधानसभा के लिए अपना दूसरा चुनाव चौधरी चरण सिंह के लोकदल से जीता था. साल 1989 में आजम खान रामपुर से ही तीसरी बार वीपी सिंह की जनता दल के टिकट पर विधायक चुने गए. यूपी की 11वीं विधानसभा में आजम खान जनता पार्टी के टिकट पर रामपुर से चुनाव जीते थे. इसके बाद साल 1993 में आजम खान पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर से विधायक चुने गए. इसके बाद आजम खान साल 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी सपा के टिकट पर विधायक चुने गए.

आजम खान 5 बार यूपी सरकार में मंत्री रहे हैं और एक बार वह यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता भी चुने गए. 

सपा से हुए निष्कासित
साल 2009 में समाजवादी पार्टी में अमर सिंह के साथ चल रहे विवाद के चलते आजम खान सपा से खासे नाराज दिखे. इसलिए रामपुर से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ प्रचार और विवादित बयानों के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिय गया था. दिसंबर 2010 में आजम खान की समाजवादी पार्टी में वापसी हुई थी. 

मोहम्मद आजम खान को इस बार समाजवादी पार्टी ने रामपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. उनका मुकाबला पूर्व सपा नेता और बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा से है. जया प्रदा यहां से 2 बार सांसद रही हैं. कांग्रेस ने आजम खान के सामने संजय कपूर को प्रत्याशी बनाया है. 
 

Trending news