BJP के नवनिर्वाचित सांसद ने बधाई देने वालों से कहा: शॉल, फूल नहीं, केवल नोटबुक लेकर आएं
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BJP के नवनिर्वाचित सांसद ने बधाई देने वालों से कहा: शॉल, फूल नहीं, केवल नोटबुक लेकर आएं

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में 17 में से 4 सीटें जीती हैं.

BJP के नवनिर्वाचित सांसद ने बधाई देने वालों से कहा: शॉल, फूल नहीं, केवल नोटबुक लेकर आएं

हैदराबादः तेलंगाना की सिकंदराबाद संसदीय सीट से बीजेपी के नवनिवार्चित सांसद जी किशन रेड्डी ने उन्हें बधाई देने आ रहे लोगों से कहा है कि वह उनके लिए शॉल या फूलों का गुच्छा नहीं, बल्कि नोटबुक लाएं जिन्हें गरीब छात्रों को वितरित किया जा सके. तेलंगाना में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रेड्डी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि नोटबुक आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए उपयोगी रहेगी इसलिए उन्हें चुनाव में जीत के लिए बधाई देने आ रहे लोग शॉल या फूलों का गुच्छा देने के बजाय उन्हें नोटबुक ही दें.

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में 17 में से चार सीटें जीती हैं.

बीजेपी, कांग्रेस को तेलंगाना में मजबूती मिलने की उम्मीद
हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को मिली महत्वपूर्ण बढ़त से राज्य में दोनों दलों में नयी जान आ गयी है. पिछले साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों दलों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. सत्तारुढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में 119 सीटों में से 88 पर जीत दर्ज की थी. इस साल लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद कई एक्जिट पोल में यह अनुमान लगाया गया था कि टीआरएस आम चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 13-16 सीटें जीत सकती है.

हालांकि चंद्रशेखर राव की पार्टी ने राज्य की 17 में 16 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा था. लेकिन पार्टी केवल नौ सीट ही अपने कब्जे में कर पाई. बीजेपी ने चार जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की. सोलहवीं लोकसभा के लिए 2014 चुनाव में बीजेपी को राज्य की केवल एक लोकसभा सीट पर सफलता मिली थी. पार्टी की योजना अब राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए खुद को टीआरएस के विकल्प के रूप में पेश करने की है.

बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख के. लक्ष्मण ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'यह तेलंगाना में बीजेपी के युग की शुरुआत है. अब टीआरएस का पतन शुरू हो गया है. तेलंगाना में लोगों का मानना है कि बीजेपी अपने दम पर टीआरएस से मुकाबले में सक्षम है.' उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक प्रकार की लहर है और तेलंगाना इससे अछूता नहीं है.बकौल लक्ष्मण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी राज्य में पार्टी के विस्तार पर ध्यान दे रहे हैं.

कांग्रेस ने भी इस चुनाव में राज्य में अच्छा प्रदर्शन किया है. वर्ष 2014 में पार्टी के दो उम्मीदवार लोकसभा पहुंचे थे. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी ने जीत हासिल की है. उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार और 19 नवनिर्वाचित विधायकों में से 11 के टीआरएस के पक्ष में चले जाने के कारण राज्य में कांग्रेस असहज स्थिति में थी. राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पी प्रभाकर ने दावा किया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में कुछ और सीटों पर जीत दर्ज की कर सकती थी.

बीजेपी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 'मोदी लहर' और हिन्दुओं को लेकर मुख्यमंत्री राव के बयान से भगवा पार्टी को फायदा पहुंचा.प्रभाकर ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'कांग्रेस अब भी वहां है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार 103 सीटों पर अपनी जमानत तक नहीं बचा सके. मोदी लहर और केसीआर के बयान के कारण बीजेपी की जीत हुई. इस बात की गारंटी नहीं है कि यही स्थिति (2023 में) भी जारी रहेगी.' 

दूसरी ओर, टीआरएस के विधान पार्षद पी राजेश्वर रेड्डी ने कहा कि सत्तारूढ़ दल 'अति आत्म विश्वास' और मतदाताओं द्वारा मोदी को प्राथमिकता दिये जाने से कुछ सीटें हार गयी. उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर टीआरएस को बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा. उल्लेखनीय है कि निजामाबाद से टीआरएस की मौजूदा सांसद और मुख्यमंत्री के बेटी के कविता की स्तब्धकारी हार से सत्तारूढ़ दल सकते में है.

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