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नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आज राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात कर उनसे गुहार लगाई कि सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ( कैग ) पर किए जा रहे कथित हमलों के मामले में वह हस्तक्षेप करें।
मुखर्जी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपने के बाद आडवाणी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के मंत्रियों द्वारा कैग पर हमला करना दुखद है । अगर प्रधानमंत्री ऐसा करेंगे तो सरकार के अन्य लोगों को ऐसा करने का खुला लाइसेंस मिल जाएगा।’’ उनके अनुसार राष्ट्रपति ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगो पर उचित कार्रवाई करेंगे।
इस विषय पर राष्ट्रपति से मिलने वालों में आडवाणी के अलावा लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता सुषमा स्वराज और अरूण जेटली तथा वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी भी शामिल थे।
राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हमें अत्याधिक दुख और चिन्ता के साथ इस ओर आपका ध्यान दिलाना पड रहा है कि पिछले कुछ महीनों से और खासतौर से कोयला ब्लाक आवंटन के संबंध में कैग की रपट आने पर इस संवैधानिक संस्थान के खिलाफ आरोप लगाये जा रहे हैं । ’’ इसमें कहा गया, ‘‘ प्रधानमंत्री ने खुद सार्वजनिक तौर से कैग की रपट की आलोचना की है । राजनीतिक महात्वाकांक्षाओं सहित कैग पर कई तरह के खुले आरोप लगाये गये हैं। सबसे स्तब्ध करने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री ने 27 अगस्त को संसद और संसद के बाहर बयान दिये । संसद में उन्होंने कहा ‘ कैग का आकलन स्पष्ट रूप से विवादास्पद है और वह कई जगहों पर दोषपूर्ण है । ’ (एजेंसी)