नई दिल्ली. नौ सौ करोड़ बहुत बड़ी रकम है और न किसी में इतनी बड़ी डील तोड़ने का माद्दा होता है न इतनी भारी डील के टूटने पर उसका नुकसान उठाने की सहनशक्ति. हीरो साइकिल्स ने चीन अपने स्तर पर चीन को दी है नौ सौ करोड़ की चोट. और इसके लिये हीरो साइकिल की जितनी प्रशंसा की जाये, कम होगी.
एक और मोर्चे पर पिटा चीन
भारत की हीरो साइकिल्स न चीन का विरोध किया है और वह भी आर्थिक धरातल पर. अब हीरो साइकिल ने जब चीन के साथ 900 करोड़ की डील को रद्द कर दिया है तो चीन में हिसाब लगाया जा रहा होगा कि भारत ने अब तक कितनी बड़ी आर्थिक पिटाई कर दी है चीन की. चीन को अब जब पीछे हटना पड़ रहा है तो उसे यह सोचने की मजबूरी भी पैदा हो गई है कि ऐसी गलती करके फायद तो शून्य हुआ लेकिन नुकसान अरबों-खरबों का हो गया है.
सही फैसला हीरो साइकिल्स का
हीरो साइकिल्स ने देशभक्ति को प्राथमिकता देते हुए देश के दुश्मनों के साथ धंधेबाजी से हाथ खींच लिया है और चीन को हैरान कर दिया है. वैसे हीरो साइकिल्स ने यह दूरदर्शितापूर्ण निर्णय लिया है क्योंकि चीन के साथ मिल कर बनने वाली उसकी साइकिल को शायद भारत में खरीदने वाला कोई भी नहीं मिलता.
भारत कर रहा है जम कर तुड़ाई
चीन की आर्थिक कमर की भारत के हाथों जम कर तुड़ाई शुरू हो गई है. नये भारत की जमीन हड़पने की साजिश करने वाले चीन को ऐतिहासिक सबक मिला है भारत से. भारत की मोदी सरकार ने देश की तमाम कंपनियों को अपने साथ ले कर चीन के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल दिया है. जनता तो चीनी सामान का बहिष्कार कर ही रही है, सरकार ने भी चीन के 59 ऐप्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इतना ही नहीं, कई भारतीय कंपनियां एक के बाद एक चीन के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट तोड़ती नजर आ रही हैं.