निशा के पति सुरेश अग्रवाल दिल्ली की एक इंटरनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं और निशा मध्य प्रदेश के बैतूल में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं
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नई दिल्लीः आमतौर पर लोग शादी को जीवन का सबसे बड़ा उत्सव मानते हैं, जिसके चलते लोग बड़े ही धूम-धाम से शादी के हर फंक्शन करते हैं और परिवार, समाज और दोस्तों को बुलाकर खूब एंजॉय करते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत निशा बांगरे और गुरूग्राम के रहने वाले सुरेश अग्रवाल ने इसके विपरीत बड़ी ही सादगी से अनोखी शादी की और रीति-रिवाजों के बंधन को छोड़ संविधान की शपथ लेकर एक-दूसरे को वचन दिए.
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यही नहीं निशा और सुरेश ने अपनी शादी के लिए दिन भी पंचांग देखकर नहीं बल्कि देश के लोकतांत्रिक पर्व को ध्यान में रखते हुए चुना और 26 जनवरी को (गणतंत्र दिवस) चुना और बैंकॉक में इसी दिन शादी की. जिसके बाद दिल्ली आकर दोनों ने शादी को पंजीकृत करवाया. बता दें निशा और सुरेश ने अपनी शादी में ज्यादा ताम-झाम न करते हुए सिर्फ अपने परिवार को ही इस शादी में न्यौता दिया और बड़ों से आशीर्वाद लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत की. बता दें निशा के पति सुरेश अग्रवाल दिल्ली की एक इंटरनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं और निशा मध्य प्रदेश के बैतूल में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.
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बता दें निशा मध्य प्रदेश के बालाघाट के किरनापुर तहसील के एक छोटे से गांव चिखला की रहने वाली हैं. बालाघाट से अपनी स्कूलिंग करने के बाद निशा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन वह जीवन में कुछ खास करना चाहती थीं. इसलिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने गुड़गांव में रहकर पीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया और पीएससी की परीक्षा दी, जिसमें वह पास हो गईं और डीएसपी के लिए चुनी गईं, लेकिन निशा का सपना यह नहीं था, इसीलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और डिप्टी कलेक्टर के लिए उनका चयन हो गया.
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बता दें फिलहाल निशा की पोस्टिंग बैतूल में हुई है, जिसके लिए निशा की भोपाल में ट्रेनिंग चल रही है. बचपन से ही निशा के मन में संविधान को लेकर गहरी आस्था रही है, जिसके चलते उन्होंने शादी में अग्निकुंड के फेरे लेने के बजाय संविधान को साक्षी मानकर शादी करने का फैसला लिया.