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Rohtash Chaudhary Push-Ups Records: भारत के रोहताश चौधरी ने एक पैरों से पुश-अप्स में नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है, जो पाकिस्तान के पहले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए उन्होंने एक घंटे में 704 पुश-अप्स किए. इसके साथ ही उन्होंने 27.875 किलो वजन का भी भार उठाया. रोहताश चौधरी का यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ता है, जो 534 पुश-अप्स का था और उस दौरान वजन 27.2 किलो था.
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एक पैर से पुश-अप्स करके बनाया रिकॉर्ड
रोहताश चौधरी ने अपने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को लेकर कहा, "मैंने हर दिन चार घंटे की कड़ी ट्रेनिंग की. यह सफलता सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि हर भारतीय की है." उन्होंने पाकिस्तान के पिछले रिकॉर्ड को महज 22 दिनों में तोड़ दिया, जो एक नया मील का पत्थर साबित हुआ. गांधीनगर के टाउन हॉल में यह रिकॉर्ड कायम हुआ, जहां गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनते हुए रोहताश चौधरी की उपलब्धि की सराहना की. इस मौके पर रोहताश चौधरी बेहद खुश और गर्वित नजर आए. उन्होंने कहा, "मैं आज हजार गुना ज्यादा खुश हूं. पाकिस्तान का रिकॉर्ड मैंने 22 दिनों के भीतर तोड़ दिया."
#WATCH | Gujarat: Guinness Book of World Record holder Rohtash Chaudhary broke the record of Pakistan in standing push-ups on one leg (09/11) pic.twitter.com/RWh4e8BVpy
— ANI (@ANI) November 10, 2024
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भारत के लिए गर्व का पल
रोहताश चौधरी का यह नया रिकॉर्ड भारत के लिए गर्व का पल है. इससे पहले, उन्होंने जनवरी महीने में स्पेन के पुश-अप्स रिकॉर्ड को भी तोड़ा था. स्पेन का रिकॉर्ड था 537 पुश-अप्स, जिसे रोहताश चौधरी ने 37 किलो वजन के साथ 743 पुश-अप्स करके हराया था. रोहताश चौधरी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी कठिन ट्रेनिंग को दिया, जिसमें उन्होंने हर दिन चार घंटे पुश-अप्स की प्रैक्टिस की. उन्होंने गर्व से कहा, "मैंने इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए निरंतर मेहनत की है. यह सिर्फ मेरी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय की जीत है. पाकिस्तान का रिकॉर्ड अब भारत का है. पहले पाकिस्तान का रिकॉर्ड 534 पुश-अप्स था, और मैंने 704 किए हैं."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित
रोहताश चौधरी ने इस रिकॉर्ड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया. उन्होंने बताया कि कैसे एक पीठ की चोट के बाद जो उन्हें दो साल तक बिस्तर पर रहने पर मजबूर कर दी थी, उन्होंने खुद को हराया और अपने शरीर को फिर से मजबूत किया. यह उनके लिए एक कठिन संघर्ष था, लेकिन अब यह संघर्ष उनकी सफलता में बदल चुका है.