India-China Bilateral Trade: भारत और चीन के बीच साल 2020 से ही खटास बढ़ती जा रही है. मोदी सरकार ने कई चीनी कंपनियों के प्रोजेक्ट को भारत में लाल झंडी दिखा दी है. आपको बता दें कि साल 2020 में ही भारतीय और चीनी सेनाओं की झड़प हुई थीं.
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Chinese Import in India: मोदी सरकार ने हाल के दिनों में लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर पाबंदी का ऐलान किया था. हालांकि, इस पाबंदी को तीन महीनों के लिए टाल दिया गया है. अब यह बैन 1 नवंबर से लागू करने की योजना है. विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी सरकार के इस ऐलान से इम्पोर्ट पर निर्भरता कम होगी. वहीं, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को इससे फायदा होगा.
आपको बता दें कि लंबे समय से भारत चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. बैन के ऐलान को इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है, जिससे भारत और चीन के बीच व्यापार घाटे के कम होने की उम्मीद है. इसके अलावा मोदी सरकार ने कई ऐसे काम किए हैं जिससे चीन की नींद उड़ गई है.
1. चीन की दिग्गज कंपनी बीवाईडी (BYD) हैदराबाद की एक कंपनी के साथ मिलकर प्लांट लगाने की तैयारी में थी लेकिन उसकी इस योजना को मोदी सरकार की इजाजत नहीं मिली. आपको बता दें कि बीवाईडी (BYD) इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए फेसम है. कंपनी ने भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई थी.
2. ऑटो कंपनी ग्रेट वॉल मोटर भारत में निवेश करने की तैयारी में थी. कंपनी ने इसके लिए कर्मचारियों की भी भर्ती भी कर रही थी, लेकिन मोदी सरकार ने इस चीनी कंपनी के सपने पर पानी फेर दिया. इसके बाद कंपनी ने भी सभी भारतीय कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
3. भारत सरकार ने चीन पर डिजिटल धावा बोला और करीब 300 मोबाइल ऐप को बैन कर दिया. हालांकि, डेटा और प्राइवेसी को ध्यान में रखकर ये बैन लगाया गया था. इनमें कई मशहूर ऐप थे, जिनकी सरकार निगरानी कर रही थी. इसके अलावा भारत ने निवेश करने वाली कंपनियों के जांच का दयारा बढ़ा दिया गया है. खासकर चीनी कंपनियों पर सरकार की पैनी नजर है.