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नई दिल्ली. 14 जनवरी 2021, बृहस्पतिवार को खरमास (Kharmas 2021) समाप्त हो जाएंगे. खरमास (Kharmas 2021) में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. लेकिन इस मास में पूजा-पाठ और तीर्थस्थल की यात्रा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास में जो जातक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
खरमास (Kharmas) में प्रतिदिन 108 जाप (Chant) जरूर करने चाहिए. पूजा की एक माला (Garland) में 108 मनके होते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि एक माला 108 मनकों की ही क्यों होती है? आज जानिए कि एक माला में 108 मनके क्यों होते हैं.
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नक्षत्रों की कुल संख्या 27 होती है और हर नक्षत्र के 4 चरण होते हैं. 27 को चार से गुणा करने पर 108 संख्या आती है. इसीलिए ऋषि-मुनियों ने 108 मनकों की माला का विधान तैयार किया था. माला का एक-एक मनका नक्षत्र के एक-एक चरण का प्रतिनिधित्व करता है.
माला में सबसे ऊपर लगे मनके को सुमेरु कहते हैं. सुमेरु के पास वाले मनके से ही जाप (Chant) शुरू किया जाता है और सुमेरु के दूसरी तरफ वाले मनके पर जाप समाप्त किया जाता है. जाप में माला को मध्यमा उंगली पर रखकर अंगूठे से एक-एक मनके को आगे बढ़ाते हैं. आखिरी मनके पर पहुंचकर वापस पलटकर दूसरी माला का जाप शुरू किया जाता है.
कभी भी सुमेरु को लांघा नहीं जाता है. माला का जाप करने के बाद सुमेरु को माथे पर लगाकर प्रणाम करना चाहिए. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है.
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खरमास (Kharmas 2021) में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने पर विशेष फल मिलता है. सभी देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग प्रकार की मालाएं बनाई गई हैं, जैसे रुद्राक्ष, स्फटिक, तुलसी, हल्दी, कमलगट्टे की माला आदि. भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों के लिए तुलसी की माला (Tulsi Mala) से जाप को विशेष फलदायी माना गया है.