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नई दिल्ली. 31 दिसंबर बृहस्पतिवार से पौष मास (Paush Maas 2021) का आगाज हो चुका है. पौष मास 28 जनवरी तक रहेगा. हिंदू पंचांग में 10वें महीने को पौष मास (Paush Maas) कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में सूर्य देव (Surya Dev) 11 हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को स्वास्थ्य प्रदान करते हैं.
पौष मास (Paush Maas) में सूर्य देव (Surya Dev) की उपासना का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार, पौष मास (Paush Maas) में सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति साल भर स्वस्थ और प्रसन्न रहता है.
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1. पौष मास (Paush Maas) में सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े धारण करें.
2. तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें लाल चंदन और लाल फूल डालें. फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें.
3. उसके पश्चात ‘ॐ श्री सूर्य देवाय नमः’ का जाप करें.
4. पौष मास में रविवार को फलाहार करके व्रत रखने का विशेष महत्व होता है. इस दिन नमक का सेवन न करें. सूर्यदेव को तिल और खिचड़ी का भोग लगाएं.
पौष मास (Paush Maas) में मेवे का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही इस मास में चीनी के बजाय गुड़ का सेवन करना चाहिए. इस मास में अदरक और लौंग का सेवन बहुत लाभदायक होता है. इसके अलावा पौष मास में अधिक मात्रा में भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही तली हुई चीजों का सेवन करने से भी बचें.
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पौष मास (Paush Maas) में उपासना करने से मनुष्य को तुरंत फल ही प्राप्ति होती है. इस मास में गर्म वस्त्र दान करने चाहिए. इस मास में लाल और पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.
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