Ram Mandir Ayodhya Pran Pratishtha: राम नाम जपने की रुचि इस राम महोत्सव ने पैदा कर दी है हर जगह राम नाम का उच्चारण हो रहा है चारों तरफ का वातावरण राममय है, यह समय जाप प्रारम्भ राम नाम के रस का आनंद ले पाएंगे.
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Raam Naam: राम नाम की वंदना का महत्व बहुत अधिक होता है इसकी महिमा सुनने से राम नाम में रुचि आ जाती है जब राम नाम पर आस्था हो जाए, तो जीवन सुखमय हो जाता है. राम नाम का जाप करना प्रारंभ होने का समय आ गया है, इस नाम का माहात्म्य राम नाम जपने से ही मिलता है.
पूरा देश हुआ राममय
जिस प्रकार भूखे व्यक्ति को भोजन की बात बताई जाए तो उसकी रुचि बढ़ जाती है, लेकिन बिना भोजन खाए उसका रस नहीं मिलता बल्कि रुचि बढ़ाने से भूख और तेज लगने लगती है, ठीक उसी प्रकार राम नाम जपने की रुचि इस राम महोत्सव ने पैदा कर दी है हर जगह राम नाम का उच्चारण हो रहा है चारों तरफ का वातावरण राममय है, यह समय जाप प्रारम्भ राम नाम के रस का आनंद ले पाएंगे.
पाप होते हैं खत्म
राम नाम जपने से पापों का नाश होता है, जीवन में उन्नति की प्राप्ति होती है. यह वह नाम है जिसका निरंतर श्री हनुमान जी जप करते हैं, सद्गति को प्राप्त करने के लिए संत जपते हैं. श्री राम का नाम सुनने से जब रुचि पैदा होने लगे कानों में राम नाम कानों में गूंजने गल जाए तो समझ लेना चाहिए की बहुत शुभ होने जा रहा है. रामलाल मंदिर में विराजित होने जा रहे हैं, पूरा देश राम नाम की गूंज की सकारात्मक से सराबोर है. राम महोत्सव से ही राम नाम का जाप प्रारंभ कर देना चाहिए. जीवन पर्यंत राम नाम का जाप अखंडित करते रहने से पापों का शमन होता है और जीवन को उन्नति और सद्गति कि प्राप्त होती है.
राम नाम से बढ़कर कुछ नहीं
यह राम नाम ब्रह्मा विष्णु और महेश है सृष्टि की उत्पत्तिस्थिति और संघार करने वाली तीनों शक्तियां इस राम नाम में विद्यमान है. संसार में राम नाम से बढ़कर कुछ भी नहीं है क्योंकि सभी शक्तियां इसमें निहित है. राम नाम वेदों के प्राण के समान है. यह नाम महामंत्र है जिसका भगवान शंकर निरंतर जपते हैं. राम नाम मुक्ति दिलाने वाला होता है, इसलिए सनातन धर्म में मृत्यु होने के पश्चात शव को ले जाते समय राम नाम सत्य है का उच्चारण किया जाता है ताकि इस दर्शन को समझ लिया जाए की जीवन में अगर राम नाम का जाप किए बिना ही चले गए तो जन्म निरर्थक हो जाएगा.
महादेव का राम नाम का उपदेश काशी में मुक्ति का कारण बनता है और तुलसी बाबा ने रामचरित मानस के बालकांड में लिखा है- महामंत्र जोइजो जपत महेसू। कासीं मुकुति हेतु उपदेसू।।