शिवालयों में भी जय बम बोले की गूंज के साथ श्रद्धालु शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध व जल चढ़ा रहे हैं और बड़ी संख्या में कावड़िये सुबह से ही प्रसिद्ध मंदिरों में विराजमान शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिये जल लेकर पहुंच रहे हैं.
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नई दिल्लीः आज सावन का दूसरा सोमवार है और इस अवसर पर देश भर के शिव मंदिरों और शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जमा है. जगह-जगह कावड़ियों की कावड़ यात्रा देखने को मिल रही है, जिससे पूरा माहौल शिवमय हो गया है. शिवालयों में भी जय बम बोले की गूंज के साथ श्रद्धालु शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध व जल चढ़ा रहे हैं और बड़ी संख्या में कावड़िये सुबह से ही प्रसिद्ध मंदिरों में विराजमान शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिये जल लेकर पहुंच रहे हैं. वहीं आज सावन के दूसरे सोमवार के साथ ही प्रदोष भी है, जिससे इस सावन सोमवार का महत्व और भी बढ़ जाता है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव की विशेष पूजन विधि और व्रत के बारे में. तो चलिए बात करते हैं सावन के दूसरे सोमवार के बारे में.
सावन सोमवार पूजा विधि
सावन सोमवार का व्रत करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर घर की शुद्धि करें और इसके बाद भगवान शिव के मंत्रों का जाप करते हुए भगवान शिव का अभिषेक करें. भोलेनाथ को शमी, कनेर, पान, सुपारी, बेलपत्र, चावल, भांग, धतूरा और शहद अर्पित करें. व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन निराहार रहते हुए भगवान शिव की पूजा करें. शाम के समय भगवान शिव की पूजा करके आरती करें और भगवान शिव को भोग अर्पित करने के बाद व्रत तोड़ें.
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भगवान शिव को ये चीजें करें अर्पित
मान्यता है कि सावन भगवान शिव का प्रिय माह होता है और इसीलिए इस दौरान भगवान शिव की पूजा करते समय कई चीजों का विशेष ध्यान रखना होता है. जिनमें भोलेनाथ को क्या अर्पित करना है और क्या नहीं, मतलब उन्हें क्या प्रिय है और क्या नहीं इस बात का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए. कहते हैं सावन में भगवान शिव को दूध, बेलपत्र, धतूरा चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं भगवान शिव को श्रद्धापूर्वक चावल चढ़ाए जाएं तो धन की प्राप्ति होती है और शिवलिंग पर जौ अर्पित किया जाए तो घर में सुख शांति आती है.