Vakratunda Chaturthi 2024: कब है वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी? जल्दी से जान लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व
Advertisement
trendingNow12474721

Vakratunda Chaturthi 2024: कब है वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी? जल्दी से जान लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Vakratunda Chaturthi 2024 Kab hai: हिन्दू धर्म में हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. 

Vakratunda Chaturthi 2024: कब है वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी? जल्दी से जान लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Vakratunda Chaturthi 2024 Date: हिन्दू धर्म में हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी ये व्रत रखता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा व्यक्ति कोआर्थिक तंगी से छुटकारा मिल जाता है. आइए जानते हैं अक्टूबर में वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी, क्या है शुभ मुहूर्त और महत्व...

यह भी पढ़ें: Guru Pushya Yog: 8 दिन बाद बनने जा रहा है गुरु पुष्य योग, 3 राशियों की खुलेगी बंद किस्मत, होगा जबरदस्त धनलाभ!

 

कब है वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी?
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर हो रही है. वहीं इसका समापन 21 नवंबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर होगा. उदया तिथि के चलते 20 अक्टूबर को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. 

बन रहा है शुभ योग
ज्योतिष गणना के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा इस दिन शिववास योग भी रहेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में शिव दी कैलाश में विराजमान रहते हैं. इस योग में गणेश जी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. 

पूजा विधि
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें. 
मंदिर की साफ-सफाई कर पूजा का संकल्प लें.
भगवान गणेश को पीले रंग का फूल, फल, मोदक, मालपुए और दूर्वा अर्पित करें.
धूप-दीप जलाकर विधि विधान से गणेश जी की पूजा करें और गणेश आरती, चालीसा का पाठ करें.

यह भी पढ़ें: दिवाली के बाद शनि का चाल परिवर्तन, मेष-कन्या समेत इन राशियों को होगा जबरदस्त फायदा, मिलेगी अपार सफलता!

 

यहां पढ़ें गणेश आरती

भगवान गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

Trending news