तिरुपति बालाजी के मंदिर में क्या है केश का दान करने का महत्व? क्या होता है उन बालों का, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा
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तिरुपति बालाजी के मंदिर में क्या है केश का दान करने का महत्व? क्या होता है उन बालों का, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Tirupati Balaji Laddu Controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, एक रिपोर्ट में सामने आया है कि मंदिर में मिलने वाले खास लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली का तेल का इस्तेमाल होता है. इस खबर से बाद हड़कंप मचा हुआ है. 

तिरुपति बालाजी के मंदिर में क्या है केश का दान करने का महत्व? क्या होता है उन बालों का, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Tirupati Balaji Mandir Hair Donation: तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, एक रिपोर्ट में सामने आया है कि मंदिर में मिलने वाले खास लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली का तेल का इस्तेमाल होता है. इस खबर से बाद हड़कंप मचा हुआ है. इसके अलावा श्रद्धालु की भावनाएं भी बुरी तरह आहत हुई हैं. जानकारी के लिए बता दें कि, तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूल जिले के तिरुपति के पास तिरुमाला पहाड़ी पर स्थित है. यहां पर भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर रूप की पूजा की जाती है. हर साल यहां लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं.

मंदिर में दान किए जाते हैं बाल
क्या आप जानते हैं तिरुमला में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में बालों का दान करने का विशेष महत्व है. यहां पुरुष-महिलाएं हर कोई अपने बाल दान करता है. इसी के चलते आज हम आपको इसके पीछे की मान्यता और पौराणिक कथा बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं...

क्यों किया जाता है बालों का दान?
मान्यता है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में बालों का दान करने से व्यक्ति को कभी भी धन की समस्या नहीं होती है और मां लक्ष्मी की कृपा भी सदैव बनी रहती है. साथ ही जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है और व्यक्ति की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं.

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क्या है पौराणिक कथा?

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ती पर चीटियों का बहुत बड़ा झुंड चढ़ गया जो एक पहाड़ जैसा दिखने लगा था. उस पहाड़ पर रोजाना एक गाय आती थी और दूध देकर चली जाती थी.  जब गाय के मालिक को पता चला की गाय चीटियों के पहाड़ पर दूध दे रही है तो गुस्से में उसने गाय पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया. इस हमले में भगवान वेंकटेश्वर के सिर पर भी चोट आ गई और उनके बाल भी गिर गए. 

तब बालाजी भगवान की मां नीला देवी ने अपने बाल काटकर बालाजी के सिर पर रख दिए जिससे उनकी चोट बिल्कुल ठीक हो गई. जख्म ठीक होने पर भगवान वेंकटेश्वर प्रसन्न हो गए और उन्होंने कहा कि बाल तो शरीर का सौंदर्य बढ़ाते हैं और आपने मेरे लिए उनका त्याग कर दिया. आज से जो भी मेरे लिए बालों का त्याग करेगा उसकी हर मनोकामना पूरी होगी. तभी से तिरुपति मंदिर में भक्त बालों का दान कर रहे हैं.

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दान किए हुए बालों का क्या होता है?
तिरुपति बालाजी मंदिर में हर साल लाखों किलो बालों का दान किया जाता है. बालों को उबाला जाता है, धोया जाता है, सुखाया जाता है और सही तापमान में स्टोर करके रखा जाता है. इस प्रक्रिया से बाल साफ और स्वच्छ रहते हैं. बालों को ई-नीलामी से बेचा जाता है. ये ऑनलाइन नीलामी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा आयोजित की जाती है. बालों की निलामी से करोंड़ों रुपये का फंड भी मिलता है. यूरोप, अमेरिका, चीन, अफ्रीका समेत कई जगहों पर इन बालों की भारी डिमांड है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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