अंतरिक्ष में यह बड़ा सा रिंग कहां से आया? नई खोज देखकर वैज्ञानिकों का दिमाग भी चकराया
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अंतरिक्ष में यह बड़ा सा रिंग कहां से आया? नई खोज देखकर वैज्ञानिकों का दिमाग भी चकराया

Big Ring Discovery: वैज्ञानिकों ने सुदूर अंतरिक्ष में एक ऐसी संरचना खोजी है जो ब्रह्मांड के बारे में हमारी बनी-बनाई समझ को चुनौती देती है. एस्ट्रोनॉमर्स ने इस संरचना का नाम 'बिग रिंग' रखा है.

अंतरिक्ष में यह बड़ा सा रिंग कहां से आया? नई खोज देखकर वैज्ञानिकों का दिमाग भी चकराया

Big Ring In Deep Space: ब्रह्मांड में एक ऐसी चीज मिली है जिसने हमारी समझ को धता बता दिया है. एक भीमकाय संरचना ब्रह्मांड के विकास से जुड़े तमाम सिद्धांतों को चुनौती देती मालूम होती है. हम तक पहुंचने में जिस प्रकाश को 6.9 बिलियन साल लगे, उसमें एस्ट्रोनॉमर्स ने एक विशालकाय रिंग खोजा है. इसे 'बिग रिंग' कहा जा रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह आकाशगंगाओं से बना रिंग है जिसका व्यास करीब 1.3 बिलियन प्रकाश वर्ष है. ब्रह्मांड में ऐसा कोई और स्ट्रक्चर अब तक नहीं मिला है. नई खोज के चलते हमें कॉस्मोलॉजी के स्टैंडर्ड मॉडल में बदलाव करना पड़ सकता है. इस खोज का नेतृत्व सेंट्रल लंकाशर यूनिवर्सिटी की एस्ट्रोनॉमर एलेक्स‍िया लोपेज ने किया. उन्होंने जनवरी में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की 243वीं मीटिंग में खोज सामने रखी थी. arXiv पर लोपेज की प्री-प्रिंट स्टडी मौजूद है. लोपेज और उनकी टीम का खोजा गया अंतरिक्ष का यह दूसरा भीमकाय स्ट्रक्चर है. इससे पहले, उन्होंने आसमान के इसी हिस्से में, इतनी ही दूरी पर Giant Arc की खोज की थी. 2021 में जायंट आर्क की खोज ने वैज्ञानिकों को हैरान करके रख दिया था. अब 'बिग रिंग' की खोज से एस्ट्रोनॉमर्स का दिमाग चकरा गया है.

जनवरी में लोपेज ने कहा था, 'ब्रह्मांड के बारे में जितनी हमारी समझ है, उससे इन दोनों विशालकाय स्ट्रक्चर्स को समझा पाना आसान नहीं  है.' लोपेज के मुताबिक, 'उनका भीमकाय आकार, अलग आकृति और ब्रह्मांडीय नजदीकी हमें जरूर कुछ बता रही है, लेकिन क्या?' 

'बिग रिंग' क्या बला है? नहीं समझ पा रहे वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों को इन स्ट्रक्चर्स का सबसे शुरुआती लिंक बैरियन एकाउस्टिक ऑसिलेशन (BAO) के साथ जुड़ता मालूम होता है. ये पूरे अंतरिक्ष में पाई जाने वाली आकाशगंगाओं की विशाल, गोलाकार व्यवस्था हैं. ये वास्तव में गोले हैं, एकाउस्टिक तरंगों के जीवाश्म जो शुरुआती ब्रह्मांड के जरिए फैलते थे, और जब अंतरिक्ष इतना फैल गया कि एकाउस्टिक तरंगे यात्रा नहीं कर सकती थीं, तब ये जम गए. साइंस अलर्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 'बिग रिंग' BAO नहीं है. BAOs का साइज फिक्स्ड होता है, उनका व्यास करीब एक बिलियन प्रकाश वर्ष होता है. 'बिग रिंग' की जांच दिखाती है कि इसका आकार कॉर्कस्क्रू के जैसा है मगर यह अलाइन इस तरह से है कि रिंग जैसा नजर आता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह चीज है क्या?

लोपेज ने कहा, 'कॉस्मोलॉजिस्ट्स के हिसाब से स्ट्रक्चर्स का थियोरेटिकल साइज 1.2 बिलियन प्रकाश वर्ष से ज्यादा नहीं होना चाहिए लेकिन ये दोनों स्ट्रक्चर उससे कहीं बड़े हैं. जायंट आर्क करीब तीन गुना बड़ा है और बिग रिंग की परिधि की जायंट आर्क की लंबाई से तुलना हो सकती है.'

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इस समय किसी को नहीं पता कि 'बिग रिंग' और 'जायंट आर्क' क्या हैं. शायद वे संयोग से बने आकाशगंगाओं के समूह हों, लेकिन इसकी संभावना बेहद कम है. अगर हमें ऐसे ही और स्ट्रक्चर्स मिलते हैं तो इनका रहस्य सुलझाने में मदद मिल सकती है.

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