Fish In Space: चीन के यान में अंतरिक्ष यात्रा पर गई जेब्राफिश का क्या हुआ? वीडियो में खुद देख लीजिए
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Fish In Space: चीन के यान में अंतरिक्ष यात्रा पर गई जेब्राफिश का क्या हुआ? वीडियो में खुद देख लीजिए

Zebrafish In Space: चीन ने प्रयोग के तौर पर अंतरिक्ष मिशन पर जेब्राफिश और गोल्डफिश एलगी को भी भेजा था. वहां उनकी हालत कैसी है, आप वीडियो में खुद देख लीजिए.

Fish In Space: चीन के यान में अंतरिक्ष यात्रा पर गई जेब्राफिश का क्या हुआ? वीडियो में खुद देख लीजिए

Zebrafish In Space: चीन ने पिछले महीने तीन एस्ट्रोनॉट्स के साथ कुछ और भी अंतरिक्ष में भेजा था. Shenzhou-18 स्पेसक्राफ्ट पर चार जेब्राफिश और चार ग्राम गोल्डफिश एलगी भी सवार थे. वैज्ञानिक माइक्रो ग्रेविटी में खुद-ब-खुद चलने वाला एक्वेटिक इकोसिस्टम खड़ा करना चाहते थे. तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर तीन हफ्ते गुजारने के बाद, सारी मछलियां सुरक्षित हैं. शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चारों जेब्राफिश जिन्हें 'एक्वानॉट' भी कहा जा रहा है, अच्छी हालत में हैं. अंतरिक्ष से इन मछलियों का एक वीडियो भी आया है जिसे आप नीचे देख सकते हैं. शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल फिजिक्स में रिसर्चर झेंग वेइबो ने बताया कि एस्ट्रोनॉट्स ने दो बार पानी का सैंपल लिया है. एक बार मछलियों के खाने का बक्सा भी बदला गया है. तियांगोंग के माइक्रो ग्रेविटी वाले माहौल में इन मछलियों को दिशा भांपने में परेशानी आ रही है. ये वहां  उल्टा तैर रही हैं और मूवमेंट रोटरी है. तियांगोंग स्पेस स्टेशन पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगा रहा है.

चीन ने अंतरिक्ष में क्यों भेजी जेब्राफिश?

चीनी वैज्ञानिकों ने इस मिशन के लिए जेब्राफिश को चुना क्योंकि उनके जीन इंसान से काफी मिलते-जुलते हैं. वे कई इंसानी बीमारियों पर रिसर्च के लिए मॉडल जानवर समझी जाती हैं. CAS इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोबायोलॉजी के वांग गाओहोंग ने बताया कि एस्ट्रोनॉट्स की तरह चारों जेब्राफिश को भी कई राउंड की टेस्टिंग से गुजरना पड़ा. चीन ने इस प्रयोग के जरिए यह दिखाया है कि अंतरिक्ष में कशेरुकी जंतुओं को पाला जा सकता है. इससे भविष्य में माइक्रो ग्रेविटी के असर और जटिल ऑर्गनिज्म पर कॉस्मिक रेडिएशन को समझने का रास्ता खुलेगा. 

देखें VIDEO: अंतरिक्ष में मछलियां

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्हें इस मिशन से बेहद महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल होंगी. रिसर्च के नतीजों से भविष्‍य के स्पेस मिशनों और अंतरिक्ष संभावित बस्तियों की चुनौतियों का पता चलने के आसार हैं. बायोलॉजिकल सिस्टमों पर माइक्रो ग्रेविटी और रेडिएशन का क्या असर होता है, उसके बारे में पता चल सकता है. रिसर्चर्स लगातार जेब्राफिश और एलगी पर नजर बनाए हुए हैं.

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