'उरी' जैसी फिल्में बननी चाहिए... न पैसों की बर्बादी, न समय की
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'उरी' जैसी फिल्में बननी चाहिए... न पैसों की बर्बादी, न समय की

'उरी: द सर्जिकल स्‍ट्राइक' एक ऐसी फिल्म है, जो आपके अंदर जोश और जुनून भर देती है. आपको अपने देश के प्रति प्यार और उसके सम्मान के लिए प्रेरित करती है. 

'उरी' जैसी फिल्में बननी चाहिए... न पैसों की बर्बादी, न समय की

फिल्म के मायने क्या हैं? सिर्फ मनोरंजन... मुझे नहीं लगता. आज के दौर में मैं फिल्मों को एक सबसे बड़े संचार (कम्युनिकेशन) के रूप पर देखता हूं. मैं फिल्म को एक ऐसा माध्यम मानता हूं, जिसके जरिए हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है और आए दिन ऐसी कई फिल्में बन रही हैं. फिल्मों के प्रति दर्शकों का भी टेस्ट अब बदल चुका है, क्योंकि इधर देखा जा रहा है कि सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्मों को ज्यादा पसंद किया जा रहा है. बॉयोपिक या फिर कोई सच्ची घटना पर आधारित फिल्मों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

एक तरफ जहां बॉयोपिक से हमें कुछ प्रेरणा मिलती है, तो वहीं सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्मों से हमें कई नई जानकारी मिलती है. इन मुद्दों पर फिल्में बनाना इतना आसान नहीं होता. ढाई-तीन घंटे की ऐसी फिल्मों को बनाने में सालों लग जाते हैं. ऐसी फिल्मों के लिए काफी रिसर्च करना पड़ता है ताकि रियलिटी और फैक्ट्स में कोई कमी न रह जाए. कुछ इसी तरह से तैयार की गई निर्देशक आदित्‍य धर की फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्‍ट्राइक', जिसमें विक्की कौशल के अलावा मोहित रैना, यामी गौतम, परेश रावल, कृति कुल्‍हारी, स्‍वरूप संपत और रजित कपूर अहम भूमिका में हैं.

'उरी: द सर्जिकल स्‍ट्राइक' एक ऐसी फिल्म है, जो आपके अंदर जोश और जुनून भर देती है. आपको अपने देश के प्रति प्यार और उसके सम्मान के लिए प्रेरित करती है. जम्‍मू कश्‍मीर के उरी में साल 2016 में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इस हमले का बदला लेने के लिए हमारे देश की सीमा की रक्षा करने वाले जाबांज सैनिकों ने सर्जिकल स्‍ट्राइक किया था, जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई थी. इसी सर्जिकल स्‍ट्राइक की पूरी कहानी पर्दे पर लेकर आई है फिल्‍म 'उरी: द सर्जिकल स्‍ट्राइक'. 

'उरी' एक ऐसी फिल्म है, जिसे देखने के बाद आप ऐसा महसूस करेंगे कि आपके पैसे बर्बाद नहीं हुए और न ही आपने अपना किमती समय बर्बाद किया. उरी घटना को आज भी हम याद करते हैं, तो हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. यही रोंगटे फिल्म देखते वक्त आपके खड़े हो जाएंगे. फिल्म 'उरी' में एक-एक चीज को बहुत ही बारिकियों से दिखाया गया है. फिल्म में सर्जिकल स्‍ट्राइक के एक-एक एंगल को टच किया गया है, जिससे आपको यह समझ में आएगा कि इसे अंजाम देने के लिए इंडियन आर्मी द्वारा क्या कुछ नहीं किया गया. 

इस सर्जिकल स्‍ट्राइक के लिए हमारे इंडियन आर्मी को महज 10 दिन का वक्त दिया गया था, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. जब आप फिल्म देख रहे होंगे तो आपको एक सेकंड के लिए भी अपनी नजर हटाने की इच्छा नहीं करेगी. एक सेना के अंदर कितना जुनून और जज्बा होता है, इस फिल्म को देखने के बाद आपको पता चल जाएगा. यह फिल्म इस बात को बताती है कि हमारी सेना कितनी मजबूत है और उसके अंदर कितना पावर है. सर्जिकल स्‍ट्राइक सुनने में जितना आसान लगता है, वह करने में उतना ही ज्यादा मुश्किल होता है. 

यहां तारिफ करनी होगी इस फिल्म के लीड एक्टर विक्की कौशल की जो पूरी फिल्म में कहीं भी अपने किरदार से भटकते हुए नजर नहीं आए. इस फिल्म में विक्की कौशल मेजर विहान सिंह शेरगिल की भूमिका में हैं, जो फिल्म में सर्जिकल स्‍ट्राइक को लीड करते दिखाए गए हैं. फिल्म 'उरी' कहानी में कोई संस्पेस नहीं है, क्योंकि इसके बारे में हम सबको पहले से ही पता है, लेकिन इसके बावजूद आपको फिल्म कहीं से भी बोर नहीं होने देगी. ऐसी फिल्मों की सबसे खास बात यह होती है कि आप अपने पूरे परिवार के साथ इसे देख सकते हैं.

(लेखक प्रतीक शेखर जी न्यूज से जुड़े हैं)

(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी हैं)

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