जिस गुफा में PM मोदी ने की थी साधना आप भी उस गुफा में जा सकते हैं, इतना है किराया
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जिस गुफा में PM मोदी ने की थी साधना आप भी उस गुफा में जा सकते हैं, इतना है किराया

गवान शिव के पवित्र धाम में गुफा के भीतर बैठकर प्रधानमंत्री की साधना के बाद गढ़वाल मंडल विकास निगम इस गुफा में बैठकर योगध्यान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है. 

पीएम मोदी ने ध्यान गुफा के अंदर कई घंटों तक साधना की थी.

केदारनाथ: केदारनाथ धाम में बनी गुफा में जल्द ही आम आदमी भी योगध्यान कर सकेगा. उत्तराखंड सरकार ने इस गुफा के दर्शन और यहां योग ध्यान करने के लिए आने वाले यात्रियों के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू कर दी है. इस गुफा में एक दिन रुकने का किराया 2500 रुपये है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस गुफा में 17 घण्टे तक बैठकर ध्यान करने के बाद इसकी मांग बढ़ गई है.

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उत्तराखंड में वैसे तो कई गुफाएं हैं. लेकिन केदारनाथ धाम की गुफा काफी प्रसिद्ध हो चुकी है. भगवान शिव के पवित्र धाम में गुफा के भीतर बैठकर प्रधानमंत्री की साधना के बाद गढ़वाल मंडल विकास निगम इस गुफा में बैठकर योगध्यान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है. उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के टूर पैकेज को गढ़वाल मंडल विकास निगम संचालित करता है. पिछले कुछ दिनों से गुफा के बारे में देश के अलग-अलग हिस्सों से कई लोगों ने पूछताछ भी की है.

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गढ़वाल मंडल विकास निगम की प्रबंध निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव कहती हैं कि गुफा इसी साल बनकर तैयार हुई. इक्का दुक्का लोग पहले भी यहां आए. लेकिन प्रधानमंत्री के आने के बाद इसके लिए काफी पूछताछ हो रही है. ईवा आगे कहती हैं, इस गुफा में एक दिन रुकने का किराया 2500 रुपये तय किया गया है. इससे निगम को आमदनी भी बढ़ रही है. लेकिन यात्रा के पैकेज में अभी इस गुफा को शामिल नही किया गया है. अलग से ही इसकी ऑनलाइन बुकिंग चल रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत का कहना है कि प्रधानमंत्री के बदरीनाथ केदारनाथ आने से राज्य के पर्यटन को नई ऊर्जा मिली है. इससे उत्तराखंड को काफी फायदा हुआ है.

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केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी. इसलिए यहां ये स्थान उनकी तपस्थली के रूप में भी जाना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार बाबा के धाम में पहुचते हैं. इस बार उन्होंने यहां बैठकर साधना भी की. इससे इसकी ख्याति बढ़ गई.

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आपको बता दें कि साल 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ धाम के आसपास काफी तबाही हुई थी. इसमे शंकराचार्य की समाधि स्थल सहित कई पौराणिक स्थलों को नुकसान पहुचा था. लेकिन अब इसके पुनर्निर्माण के बाद एक नई केदारपुरी दिखाई दे रही है. इस साल भले ही केदारनाथ की प्रसिद्ध ध्यान गुफा को टूर पैकेज में शामिल न किया गया हो. लेकिन इसकी मांग देखते हुए आने वाले साल में ये भी पैकेज में शामिल हो जाये तो कोई आश्चर्य नही होगा. 

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