विदेश मंत्रालय को मिले 16 हजार करोड़ रुपये, चीन को रोकने के लिए मालदीव पर लगाया भारत ने दांव
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विदेश मंत्रालय को मिले 16 हजार करोड़ रुपये, चीन को रोकने के लिए मालदीव पर लगाया भारत ने दांव

मालदीव के लिए आवंटन 125 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 575 करोड़ रुपये हो गया है. संशोधित आंकड़ों के अनुसार मालदीव को 2018-19 में देश ने करीब 440 करोड़ रुपये की मदद की.

अफ्रीकी देशों के लिये आवंटन दोगुना होकर 400 करोड़ रुपये हो गया है.

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में विदेश मंत्रालय के लिए 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है. यह पिछले बजटीय आवंटन से एक हजार करोड़ रुपये से भी अधिक है. इसमें मालदीव तथा अफ्रीकी देशों की मदद के आवंटन में भारी वृद्धि की गई. दूसरे देशों की सहायता के लिये आवंटित राशि 5,545 करोड़ रुपये से 902 करोड़ रुपये बढ़ाकर 6,447 करोड़ रुपये कर दी गई है. मालदीव के लिए आवंटन 125 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 575 करोड़ रुपये हो गया है. संशोधित आंकड़ों के अनुसार मालदीव को 2018-19 में देश ने करीब 440 करोड़ रुपये की मदद की.

रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण बंदरगाह चाबहार के लिये आवंटन पिछले बजट के 150 करोड़ रुपये पर स्थिर रखा गया है. भूटान के लिए आवंटन पिछले बजट के 2,650 करोड़ रुपये की तुलना में कम होकर 2,615 करोड़ रुपये पर आ गया है. इसके साथ ही अफगानिस्तान के लिये 325 करोड़ रुपये, बांग्लादेश के लिये 175 करोड़ रुपये, श्रीलंका के लिये 150 करोड़ रुपये और मंगोलिया के लिये पांच करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. नेपाल के लिए आवंटन 50 करोड़ रुपये से बढ़कर 700 करोड़ रुपये और म्यामां के लिये 280 करोड़ रुपये से बढ़कर 400 करोड़ रुपये हो गया है.

अफ्रीकी देशों के लिये आवंटन दोगुना होकर 400 करोड़ रुपये हो गया है. हालांकि संशोधित आंकड़ों के अनुसार 2018-19 के दौरान अफ्रीकी देशों को 330 करोड़ रुपये की मदद की गई. मॉरीशस के लिये आवंटन भी दोगुना होकर 700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. संशोधित आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में मॉरीशस को करीब 660 करोड़ रुपये की मदद की गई. विदेश मंत्रालय के प्रतिष्ठान खर्च के लिए 5,137.95 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है.

संशोधित आंकड़ों के अनुसार 2018-19 के दौरान वीवीआईपी लोगों के आवागमन के लिए विमानों के रख-रखाव पर 420 करोड़ रुपये खर्च किए गए. मंत्रालय के लिए कुल आवंटन 16,061 करोड़ रुपये है. यह पिछले बजट के 15,011 करोड़ रुपये के आवंटन से 1,050 करोड़ रुपये अधिक है. संशोधित आंकड़ों के अनुसार विदेश मंत्रालय ने 2018-19 में 15,582 करोड़ रुपये खर्च किए.

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