किसानों को दी गई आर्थिक मदद 'खैरात' नहीं बल्कि देश के अन्नदाताओं का सम्मान है: पीयूष गोयल
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किसानों को दी गई आर्थिक मदद 'खैरात' नहीं बल्कि देश के अन्नदाताओं का सम्मान है: पीयूष गोयल

विपक्ष पर निशाना साधते हुए गोयल ने कहा कि एसी रूम में बैठने वाले नहीं जानते कि 600 रुपये कितने महत्वपूर्ण होते हैं. 

हालांकि इंटरव्यू के दौरान गोयल ने स्वीकार किया कि किसान मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश करने के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि किसानों को दी गई आर्थिक मदद 'खैरात' नहीं बल्कि यह देश के 12 करोड़ अन्नदाताओं का सम्मान है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए गोयल ने कहा कि एसी रूम में बैठने वाले नहीं जानते कि 600 रुपये कितने महत्वपूर्ण होते हैं. हालांकि इंटरव्यू के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि किसान मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.

गोयल ने कहा, "किसान इस राशि का इस्तेमाल दवाई खरीदने, खाद-बीज खरीदने के लिए कर सकता है. इस तरह की पहले कोई योजना नहीं थी. पीएम मोदी को किसानों को बड़ी चिंता है. पूर्ववर्ती सरकारें ने किसानों और लोगों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं की. हमने गांवों की बिजली दी और ग्रामीण भारत के लिए आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की."

किसान कर्जमाफी पर उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने केवल लंबे वादे किए और चुनिंदा लोगों का कर्ज माफ किया. गोयल ने देश में बेरोजगारी दर 2017-18 में 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच जाने संबंधी रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि मोदी सरकार के पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल में विभिन्न प्रोजेक्ट और आधारभूत संरचनाओं के जरिये रोजगार दिए गए हैं. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है और साहसिक कदम उठाए हैं." 

जब गोयल से पूछा गया कि एनडीए शासनकाल में भी किसानों के आत्महत्या की कई घटनाएं सामने आई हैं, इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों पर काफी ध्यान दिया है. उन्होंने कहा, "हम किसानों को एक साल में तीन फसल लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. मोदी सरकार किसानों को शिक्षित करने और उन्हें बेहतर सिंचाई सुविधाएं देने का प्रयास किया है."

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