US News: 'राष्ट्रपति बना तो फौज बुलाकर इस देश की कर दूंगा घेराबंदी', ट्रंप ने किसे दे दिया अल्टीमेटम
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US News: 'राष्ट्रपति बना तो फौज बुलाकर इस देश की कर दूंगा घेराबंदी', ट्रंप ने किसे दे दिया अल्टीमेटम

Donald Trump News in Hindi: अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अगर वे जीते तो दुनियाभर में फैले अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाकर अपने एक पड़ोसी देश की घेरेबंदी कर देंगे. उनके निशाने पर आखिर कौन सा देश आ गया है.

 

US News: 'राष्ट्रपति बना तो फौज बुलाकर इस देश की कर दूंगा घेराबंदी', ट्रंप ने किसे दे दिया अल्टीमेटम

Donald Trump Plan for change in military deployment : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने इस राज का खुलासा कर दिया कि अगर वे इलेक्शन जीत जाते हैं तो सबसे पहले क्या काम करें. रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप की योजना है कि इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत मिलने पर वे अमेरिका की सैन्य नीतियों में बदलाव करेंगे. वे यूरोप और पश्चिम एशिया में जारी युद्ध के बावजूद दुनिया के दूसरे हिस्सों में तैनात अपने सैन्यबलों को वापस बुलाकर अमेरिकी धरती पर तैनात करेंगे.

विदेशों से बुलाकर मैक्सिको सीमा पर तैनात करेंगे सैनिक

सूत्रों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशों से बुलाए जाने वाले हजारों अमेरिकी सैनिकों को मेक्सिको से लगी सीमा पर तैनात करने का संकल्प लिया है. उन्होंने निर्वासन और अशांति से निपटने जैसी घरेलू चुनौतियों से निपटने के लिए भी मिलिट्री के इस्तेमाल पर विचार किया है. उन्होंने उन सैन्य अधिकारियों को सेवा से हटाने की बात भी की है, जो वैचारिक रूप से उनके विरोधी हैं. कुल मिलाकर चुनाव जीतने पर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी समाज में सेना की नई भूमिका की तैयारी कर रहे हैं. 

अवैध प्रवासियों को देश से निकालेंगे- डोनाल्ड ट्रंप

राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप का सीधा मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से है. अपनी कैंपेनिंग में ट्रंप उन प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा कर रहे हैं, जिनके पास अमेरिका में रहने का स्थायी कानूनी दर्जा नहीं है. इसके साथ ही उनके सलाहकार अमेरिकी सेना की प्राथमिकताओं और संसाधनों को ऐसे समय में बदलने की योजनाएं बना रहे हैं, जब यूरोप और पश्चिम एशिया में युद्ध जारी है. 

पोतों की जांच में अमेरिका नौसेना की लगाएंगे ड्यूटी

ट्रंप के कानूनी सलाहकारों ने ‘एजेंडा 47’ के नाम का घोषणा पत्र जारी किया है. इस घोषणा पत्र में कहा गया है कि विदेशों में तैनात हजारों सैनिकों को अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर तैनात किया जाएगा. उन्होंने आव्रजन गिरोहों के खिलाफ ‘युद्ध की घोषणा’ करने और नौसेना को पोतों की जांच में तैनात करने का वादा किया है. ट्रंप ने यह भी कहा है कि वह उन लाखों प्रवासियों को निर्वासित करने के अभियान के तहत ‘नेशनल गार्ड’ और संभवतः सेना का उपयोग करेंगे, जिनके पास स्थायी कानूनी नागरिक का दर्जा नहीं है. 

योजना को व्यापक मिशन के रूप में पेश कर रहे ट्रंप

ट्रंप की टीम ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह कितने सैनिकों को विदेशों से बुलाकर सीमा पर भेजेंगे, लेकिन उनके सहयोगी इस योजना को एक व्यापक मिशन के रूप में पेश कर रहे हैं जिसके तहत संघीय सरकार के सबसे शक्तिशाली उपकरणों का नए और नाटकीय तरीकों से उपयोग किया जाएगा. 

ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन के कार्यवाहक निदेशक के रूप में काम कर चुके रॉन विटिएलो ने कहा, ‘इस योजना के तहत विधि विभाग, गृह विभाग और रक्षा विभाग का गठबंधन हो सकता है. इन तीनों विभागों को इस तरह से समन्वित किया जाएगा, जैसा शायद पहले कभी नहीं किया गया है.’ 

आव्रजन की पैरोकारी करने वाले संगठन में बढ़ी चिंता

प्रतिनिधि सभा की ‘हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी’ के सदस्य जो विल्सन ने कहा, ‘मैं डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन इसलिए करता हूं क्योंकि वह पहले दिन से ही सीमा की सुरक्षा करेंगे. अब इसे तानाशाही समझा जा सकता है जो गलत है. उन्हें सीमा की सुरक्षा करनी होगी’ बहरहाल, मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के पक्षधर ट्रंप की इन योजनाओं से चिंतित हैं. आव्रजन की पैरोकारी करने वाले संगठन ‘एफडब्ल्यूडीडॉटयूएस’ के अध्यक्ष टॉड शुल्टे ने कहा, ‘वे अमेरिकी परिवारों पर बड़े पैमाने पर छापे मारने के लिए सेना का उपयोग करने का वादा कर रहे हैं, जो हमारे देश द्वारा किए गए कुछ सबसे बुरे कामों की याद दिलाता है.’

(एजेंसी भाषा)

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