डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन समेत अपने घरेलू प्रतिद्वंद्वियों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से गैरकानूनी रूप से मदद मांगी.
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वाशिंगटन: अमेरिका (US) के राष्ट्रपति डोलान्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ महाभियोग (Impeachment) प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (House of Representatives) में पास हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन समेत अपने घरेलू प्रतिद्वंद्वियों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से गैरकानूनी रूप से मदद मांगी।
मुश्किल है ट्रंप को कुर्सी से हटाना
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास हो गया है लेकिन उनका कुर्सी से हटना मुश्किल है. महाभियोग का प्रस्ताव निचले सदन से पारित हो जाने के बाद अब ऊपरी सदन सीनेट में केस चलेगा और सीनेट में उनकी पार्टी को बहुमत है. बता दें हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के पास बहुमत नहीं है. यहां डेमोक्रेट्स का नियंत्रण है.
डोनाल्ड ट्रंप एक ही तरीके से अब कुर्सी से हट सकते हैं अगर कम से कम 20 रिपब्लिकन सांसद उनके खिलाफ बगावत कर दें. लेकिन इसकी संभावना काफी कम है.
महाभियोग प्रस्ताव पास हो जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, वास्तव में वे मेरे पीछे नहीं है, वे आपके पीछ हैं.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 19, 2019
'महाभियोग US लोकतंत्र में युद्ध की घोषणा जैसा'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक पत्र लिखकर हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पर तख्तापलट की कोशिश करके अमेरिकी लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा था.
ट्रंप ने कहा था कि उनके खिलाफ पूरी जांच 'अमेरिकी लोकतंत्र पर खुलेआम युद्ध की घोषणा है।" और मांग की कि 'प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी महाभियोग प्रक्रिया को फौरन रोक दें।'
ट्रंप ने पेलोसी को लिखे पत्र में कहा था, 'अवैध महाभियोग प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ते हुए, आप अपने पद की शपथ का उल्लंघन कर रही हैं, आप संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को तोड़ रही हैं और आप अमेरिकी लोकतंत्र में खुलेआम युद्ध की घोषणा कर रही हैं'.
दो पूर्व राष्ट्रपतियों पर हो चुकी है महाभियोग की कार्यवाही
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप से पहले अमेरिकी राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई हो चुकी है. 1868 में ऐंड्यू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हुई थी. हालांकि दोनों ही नेता अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे थे. वहीं राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले ही इस्तीफा दे दिया था.
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