आधे घंटे तक अंधेरे में डूबे रहे दुनिया के कई बड़े देश, जानिए क्या थी वजह
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आधे घंटे तक अंधेरे में डूबे रहे दुनिया के कई बड़े देश, जानिए क्या थी वजह

अर्थ आवर की शुरुआत सिडनी में 2007 में हुई थी. अर्थ आवर दुनिया के करीब 180 देशों में मनाया गया.

हांग-कांग में भी कई इमारतों की रोशनी को या तो बंद कर दिया गया या उन्हें मद्धम कर दिया गया. (फाइल फोटो)

न्यूयॉर्कः जलवायु परिवर्तन की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से दुनिया के कई शहरों में स्थानीय समयानुसार रात को आठ बजकर 30 मिनट पर बत्ती बुझाकर ‘अर्थ आवर’ मनाया गया. अर्थ आवर का प्रचार वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (विश्व वन्यजीव कोष) करता है. अर्थ आवर का मुख्य उद्देश्य संसाधनों के इस्तेमाल में किफायत बरतना, खास तौर पर जो कार्बन गैस का उत्सर्जन करते हैं और जिनकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ती है. 

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अर्थ आवर की शुरुआत सिडनी में 2007 में हुई थी. अर्थ आवर दुनिया के करीब 180 देशों में मनाया गया. अमेरिका में इस दौरान एम्पायर स्टेट बिल्डिंग की रोशनी को मद्धम कर दिया गया. इसके अलावा हांग-कांग में भी कई इमारतों की रोशनी को या तो बंद कर दिया गया या उन्हें मद्धम कर दिया गया. इस दौरान एफिल टावर की बत्ती भी बुझा दी गई. वहीं इटली में करीब 400 शहरों ने अर्थ आवर में हिस्सा लिया.

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बता दें कि अर्थ आवर पर्यावरण संरक्षण का वैश्विक संदेश देने के लिये शुरू किया गया दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है. विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा शुरु किये गए इस अभियान के तहत दुनिया भर में अर्थ आवर के दौरान बत्तियां बंद कर दी जाती हैं और पर्यावर्णीय सुरक्षा का संदेश दिया जाता है. साल 2018 में इस अभियान के सहयोग में दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, अक्षरधाम मंदिर और हैदराबाद में बुद्ध प्रतिमा तथा कोलकाता में हावड़ा ब्रिज पर लाइट बंद कर दी गई थी.

(इनपुट भाषा)

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