दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (Mt. Everest) की ऊंचाई का पुराना रिकॉर्ड टूट गया है. अब ये ऊंचाई 8848मीटर से बढ़कर 8848-86 मीटर हो गई है. नेपाल और चीन के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को यह घोषणा की.
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काठमांडू: दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (Mt. Everest) की ऊंचाई 0.86m बढ़ गई है. नेपाल और चीन ने दो साल तक सर्वे वर्क पूरा करने के बाद Mt. Everest की नई ऊंचाई की संयुक्त घोषणा की. इस घोषणा के बाद अब दुनिया की किताबों में भी एवरेस्ट की ऊंचाई के आंकड़ों में परिवर्तन हो जाएगा.
नेपाल और चीन ने संयुक्त रूप से घोषणा की
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2015 में आए विनाशकारी भूकंप में एवरेस्ट चोटी की ऊंचाई को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे. इसे देखते हुए नेपाल सरकार इस चोटी का दोबारा से सर्वे करना चाहती थी. इसे देखते हुए नेपाल सरकार ने वर्ष 2018 में चीन के साथ मिलकर माउंट एवरेस्ट (Mt. Everest) की चोटी को दोबारा से मापने का फैसला किया. यह सर्वे पूरा होने के बाद नेपाल के विदेश मंत्री Pradeep Gyawali और चीन के विदेश मंत्री Wang Yi ने मंगलवार को एवरेस्ट की नई ऊंचाई की घोषणा कर दी.
इससे पहले वर्ष 1954 में मापी गई थी ऊंचाई
बता दें कि इससे पहले वर्ष 1954 में भारत के सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने माउंट एवरेस्ट (Mt. Everest) का सर्वे किया था. उस दौरान एवरेस्ट की ऊंचाई 8848m आंकी गई थी. लेकिन अब नेपाल-चीन के संयुक्त सर्वे में इसकी ऊंचाई 8848.86m आंकी गई है. यह पिछली ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर ज्यादा है. माना जा रहा है बर्फबारी के कारण एवरेस्ट की ऊंचाई में यह बढोत्तरी हुई है.
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नेपाल के साथ दोस्ती बेमिसाल- चीनी विदेश मंत्री
नेपाली विदेश मंत्री ने इस मौके को बेहद खास और ऐतिहासिक पल बताया. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती बेमिसाल है. दोनों देशों ने मिलकर चमकते भविष्य का निर्माण किया है. इस मौके पर नेपाल की राष्ट्रपति Bidya Devi Bhandariऔर चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping की ओर से लिखे गए पत्र भी एक दूसरे को साझा किए गए. बता दें कि चीन लगातार नेपाल पर डोरे डालने में लगा है. इससे पहले चीन के रक्षा मंत्री Wei Fenghe भी नेपाल का दौरा कर चुके हैं.
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