इन्हीं प्रदर्शनों की वजह से पिछले महीने उनके शासन का अंत हो गया था. खरतूम में सेना मुख्यालय के बाहर धरना स्थल पर मेजर और प्रदर्शनकारियों की हत्या की गई. हजारों प्रदर्शनकारी यहां डेरा डाले हुए हैं.
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खरतूम: सूडान में अस्थाई सरकार पर सत्तारूढ़ जनरलों और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत में अहम कामयाबी मिलने के कुछ घंटों बाद ही राजधानी में चार प्रदर्शनकारियों और सेना के एक मेजर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इससे पहले महा अभियोजक कार्यालय से मिली जानकारी में कहा गया था कि अपदस्थ राष्ट्रपति उमर उल बशीर पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कई प्रदर्शनकारियों की हत्या का आरोप लगाया गया है. इन्हीं प्रदर्शनों की वजह से पिछले महीने उनके शासन का अंत हो गया था. खरतूम में सेना मुख्यालय के बाहर धरना स्थल पर मेजर और प्रदर्शनकारियों की हत्या की गई. हजारों प्रदर्शनकारी यहां डेरा डाले हुए हैं.
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सत्तारूढ़ सैन्य परिषद ने कहा कि खरतूम में धरना स्थल पर अज्ञात तत्वों ने गोलीबारी की जिसमें तीन सैनिक और कई प्रदर्शनकारी जख्मी भी हुए हैं. प्रदर्शन से संबंधित डॉक्टरों की एक समिति ने बाद में कहा कि तीन और प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, लेकिन अभी स्पष्ट नहीं है कि उनका कत्ल धरना स्थल पर किया गया है. विभिन्न प्रदर्शनकारियों के संगठन 'अलायंस फॉर फ्रीडम एंड चेंज' ने कहा कि सोमवार को हुई हिंसा सैन्य जनरलों के साथ बातचीत में मिली कामयाबी को बाधित करने की कोशिश है.
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इससे पहले, सोमवार को सैन्य जनरलों और प्रदर्शनकारियों के बीच असैन्य प्रशासन को सत्ता सौंपने को लेकर बातचीत में कामयाबी मिली थी. इस बीच, सैन्य परिषद ने मंगलवार को कहा बशीर का एक भाई सेना की हिरासत में नहीं है. हालांकि पहले बताया गया था कि उसे सेना ने अपनी हिरासत में ले लिया है. सैन्य परिषद ने 17 अप्रैल को कहा था कि उसने बशीर के पांच में से दो भाइयों को हिरासत में ले लिया है. (इनपुटः भाषा)