लैंगिक समानता में पाकिस्तान का स्थान नीचे से तीसरा, बांग्लादेश में महिलाओं के हालात बेहतर: रिपोर्ट
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लैंगिक समानता में पाकिस्तान का स्थान नीचे से तीसरा, बांग्लादेश में महिलाओं के हालात बेहतर: रिपोर्ट

रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बहुत कम हैं. काम की जगहों पर पुरुषों और महिलाओं के बीच के गैप को अभी केवल 32.7 फीसदी ही भरा जा सका है.

फाइल फोटो

इस्लामाबाद: विश्व इकोनॉनिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) द्वारा मंगलवार को जारी वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक रिपोर्ट 2020 में पाकिस्तान (Pakistan) की बदतरीन स्थिति का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि लैंगिक समानता के मामलों में 153 देशों की सूची में पाकिस्तान का स्थान 151वां है. इससे खराब हालत केवल क्रमश: इराक (Iraq) और यमन (Yemen) की है. साल 2006 में लैंगिक समानता सूचकांक सूची में पाकिस्तान का स्थान 112वां था. आज देश 151वें स्थान पर पहुंच गया है.

रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बहुत कम हैं. काम की जगहों पर पुरुषों और महिलाओं के बीच के गैप को अभी केवल 32.7 फीसदी ही भरा जा सका है. स्वास्थ्य और जन्म प्रत्याशा के मामले में यह असमानता बहुत ही अधिक बढ़कर 94.6 फीसदी हो जाती है. इससे साफ है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद कम मिल रही हैं.

इस सूची में दक्षिण एशियाई देशों में बांग्लादेश (Bangladesh) का प्रदर्शन बेहद अच्छा उभर कर सामने आया है. इन सातों देशों में से बांग्लादेश में महिलाओं के लिए कुछ कमियों के बावजूद सबसे बेहतर हालात हैं. सूची में बांग्लादेश 50वें स्थान पर है. नेपाल (Nepal) 101वें, श्रीलंका (Srilanka) 102वें, भारत 112वें, मालदीव 123वें और भूटान 131वें स्थान पर है. इन सातों देशों में महिलाओं की संख्या कुल मिलाकर 86 करोड़ है जिनमें से तीन चौथाई भारतीय हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व में लैंगिक असमानता के मामले में मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका के बाद दक्षिण एशिया तीसरे स्थान पर है. श्रीलंका को छोड़कर दक्षिण एशिया के बाकी छह देशों की संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बीस फीसदी या इससे भी कम है.

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(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस) 

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