दरअसल, इंडोनेशिया ने अपने एक विवादित कानून को और ज्यादा मजबूत करते हुए एक सरकारी नियमावली पास की है. जिसके बाद अब इस तरह के अपराध करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी. इस कानून के तहत दोषियों को इंजेक्शन के जरिए एक सॉल्यूशन दिया जाएगा जिससे टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन्स कम हो जाएं और उसकी यौन इच्छाएं खत्म हो जाएं. इंडोनेशिया इससे पहले भी रेप जैसी घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के लिए ऐसी कड़ी सज़ा के लिए नियम बना चुका है.
इसके अलावा सऊदी अरब में इस्लामिक शरीया कानून को मान्यता दी गई है. यहां अगर कोई भी व्यक्ति रेप के अपराध में दोषी पाया जाता है तो उसे फांसी की सज़ा दी जाती है. इतना ही नहीं, इस अपराध के लिए प्राइवेट पार्ट को काटने की सजा भी सुनाई जा सकती है.
अफगानिस्तान, इराक और ईरान में भी रेप का अपराध करने वालों को मौत की सजा सुनाई जाती है. चेक रिपब्लिक में भी सर्जिकल कास्ट्रेशन का कानून है. यहां दोषी को सर्जरी कर उसे नपुंसक बना दिया जाता है. कई मानवाधिकार कार्यकर्ता इस कानून का विरोध करते हैं.
चीन में भी इस अपराध के दोषियों को मौत की सजा दी जाती है. चीन में मेडिकल जांच में प्रमाणित होने के बाद बिना ट्रायल के दोषी को फांसी पर लटका दिया जाता है. वहीं कई मामलों में प्राइवेट पार्ट को काट देने की कड़ी सज़ा भी सुनाई जाती है.
नाइजीरिया की सरकार ने कुछ वक्त पहले ऐसे अपराध करने वालों को नपुंसक बनाने का फैसला किया. वहीं ऐसे मामलों में जिनमें रेप 14 साल या इससे कम उम्र की बच्ची के साथ हो दोषी को यहां फांसी दी जाती है.
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