माली के प्रधानमंत्री ने नरसंहार पर आक्रोश बढ़ने के बाद दिया इस्तीफा
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माली के प्रधानमंत्री ने नरसंहार पर आक्रोश बढ़ने के बाद दिया इस्तीफा

सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के सांसद बुधवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. 

ओगास्सागोउ गांव में हुए नरसंहार में 160 लोग मारे गए थे.

नई दिल्ली: माली के प्रधानमंत्री ने देश के मध्य में बढ़ती हिंसा से निपटने और गत महीने हुए नरसंहार को लेकर आलोचनाओं के बाद बृहस्पतिवार को अपनी पूरी सरकार के साथ इस्तीफा दे दिया. 

राष्ट्रपति इब्राहिम बूबकर कीटा के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने हिंसा बढ़ने पर उपजे व्यापक प्रदर्शनों के दो सप्ताह बाद सौमेयलोयू बोबेये मैगा के साथ उनके मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. 

सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के सांसद बुधवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. उन्होंने मैगा तथा उनके प्रशासन पर अशांति को खत्म करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.

कीटा के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है, 'सभी राजनीतिक पक्षों से विचार विमर्श के बाद जल्द ही एक प्रधानमंत्री नामित किया जाएगा और एक नयी सरकार बनेगी'. राष्ट्रपति ने मंगलवार को टेलीविजन पर दिए संबोधन में प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर कहा था कि उन्होंने आक्रोश देखा है.

गौरतलब है कि अशांत मोपती क्षेत्र में हिंसा और खासतौर से 23 मार्च के नरसंहार से निपटने में नाकाम रहने पर सरकार पर दबाव बन गया था. बुर्किना फासो की सीमा के समीप ओगास्सागोउ गांव में हुए नरसंहार में 160 लोग मारे गए थे. 

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