क्या पाकिस्तान के 'भगवान' से दुश्मनी कर बैठे इमरान खान! मिला ये संकेत
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क्या पाकिस्तान के 'भगवान' से दुश्मनी कर बैठे इमरान खान! मिला ये संकेत

पाकिस्तान की सेना ने देश के 72 साल के इतिहास में करीब आधे वक्त तक शासन किया है जिसकी वजह से तख्तापलट की आशंका लगातार बनी रहती है.

.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है. इससे पहले जनरल बाजवा ने करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखे जाने के समारोह में प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पूरे उत्साह से हिस्सा लिया था. उस वक्त कहा गया था कि यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि पाकिस्तान की नागरिक सरकार और सत्ता के बीच इस मामले में पूरा तालमेल है. पाकिस्तान के समाचार पत्र 'द न्यूज' की रिपोर्ट में कहा गया कि जनरल बाजवा करतारपुर गलियारे के उद्घाटन  समारोह में नहीं पहुंचे.

सरकार और सेना के मतभेद
इसे लेकर लोगों के बीच चर्चा बनी रही. पाकिस्तान के महत्वपूर्ण लोगों के अलावा श्रद्धालु भी उनके बारे में पूछते देखे गए जिनका कहना था कि वे बाजवा के साथ सेल्फी लेना चाहते थे. लोग लगातार पूछ रहे थे कि 'जनरल बाजवा कब आएंगे.' लेकिन गलियारे के उद्घाटन से ठीक पहले सरकार और सेना के मतभेद उस वक्त सामने आए जब सेना ने कहा कि करतारपुर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा जबकि इसके पहले इमरान ने कहा था कि श्रद्धालु बिना पासपोर्ट के आ सकेंगे. 

सेना के प्रवक्ता के बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी कि श्रद्धालु गलियारे के उद्घाटन के अवसर पर बिना पासपोर्ट आ सकेंगे. आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना पाक में सबसे ज्यादा ताकतवार है और वो पाक की राजनीति में अहम भूमिका अदा निभाती है.

सरकार के प्रधानमंत्री भी सैन्य ताकत के सामने कम ताकतवर
इतना ही नहीं लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार के प्रधानमंत्री भी सैन्य ताकत के सामने कम ताकतवर हैं. पाकिस्तान की सेना ने देश के 72 साल के इतिहास में करीब आधे वक्त तक शासन किया है जिसकी वजह से तख्तापलट की आशंका लगातार बनी रहती है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सेना कहीं इमरान खान के फैसले से नाराज तो नहीं है. 

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