वे 5 बड़ी वजहें, जिससे फिर पटरी पर लौटी कांग्रेस, 2019 की तुलना में दोगुनी सीटों पर कर रही लीड

Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर स्थितियां लगभग साफ होते दिख रही हैं. भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए एक बार फिर देश में नई सरकार का गठन करने जा रही है. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में अबकी बार एनडीए को भारी नुकसान होते हुए देखा जा रहा है. एनडीए जहां 1 सीट पर जीत के अलावा 288 सीटों पर लीड कर रही है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Jun 4, 2024, 02:15 PM IST
  • 235 सीटों पर इंडिया गठबंधन की लीड
  • कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के पीछे की वजहें
वे 5 बड़ी वजहें, जिससे फिर पटरी पर लौटी कांग्रेस, 2019 की तुलना में दोगुनी सीटों पर कर रही लीड

नई दिल्लीः Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर स्थितियां लगभग साफ होते दिख रही हैं. भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए एक बार फिर देश में नई सरकार का गठन करने जा रही है. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में अबकी बार एनडीए को भारी नुकसान होते हुए देखा जा रहा है. एनडीए जहां 1 सीट पर जीत के अलावा 288 सीटों पर लीड कर रही है. 

235 सीटों पर इंडिया गठबंधन की लीड 
वहीं, इंडिया गठबंधन 1 सीट पर जीत के साथ 235 सीटों पर लीड कर रहा है. केवल कांग्रेस पार्टी पार्टी देश की 96 लोकसभा सीटों पर लीड करते हुए दिख रही है, जो कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मिली सीटों का लगभग दोगुना है. बहरहाल, आइए जानते हैं उन 5 बातों के बारे में जिसने लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की दिशा और दशा दोनों बदल कर दी है. 

कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के पीछे की वजहें
अग्निवीर योजनाः
केंद्र सरकार की ओर से कुछ ही सालों पहले लाई गई अग्निवीर योजना का मामला कांग्रेस ने खुलकर लोगों के सामने उठाया और अपनी सरकार आने पर इस योजना को खत्म करने की भी गारंटी पार्टी की ओर से दी गई. ऐसे में माना जा रहा है कि लोगों के बीच कांग्रेस के इस वादे का व्यापक प्रभाव पड़ा, क्योंकि गांवों और शहरों में रह रहे मध्यम और निम्न वर्ग के अधिकांश परिवारों के बच्चे सेना की नौकरी करते हैं. 

युवाओं का उत्साह हुआ कम 
अग्निवीर योजना के आ जाने से उनके उत्साह में कहीं न कहीं कमी जरूर आई थी. साथ ही लोगों के बीच इसे लेकर काफी नाराजगी भी देखने को मिली थी. जब ये योजना देश में लाई गई थी, तब भी इसका व्यापक विरोध हुआ था. देश के कई हिस्सों में हड़ताल की स्थिति भी देखने को मिली थी. देश का एक बड़ा तबका इस योजना के विरोध में सड़कों पर उतर आया था. 

सरकारी नौकरियों का वादाः कांग्रेस मोदी सरकार के शुरुआती कार्यकाल से ही रोजगार के मामलों को लेकर हमलावर रही है और इस बार चुनाव में तो कांग्रेस की ओर से कुछ खास ही आक्रमता देखी गई है. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में साल में लाखों की संख्या में सरकारी नौकरियां देने का वादा किया. पार्टी के इस वादे को एक बड़े मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के इस वादे का व्यापक असर वोटरों पर पड़ा है. 

नारी न्यायः कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में भारतीय गरीब परिवारों के महिलाओं के लिए महालक्ष्मी योजना शुरू करने का वादा किया था. इस वादे के तहत पार्टी ने कहा कि अगर देश में उनकी सरकार बनती है तो हर साल गरीब घरों के महिलाओं के खाते में एक लाख रुपये दिए जाएंगे. चुकी भारत में गरीबों की आबाजी आज भी काफी है. ऐसे में कांग्रेस के इस वादे का असर भी इस चुनाव में देखने को मिला है. 

किसान न्यायः मोदी सरकार के कार्यकाल में किसानों और सरकार के बीज लगातार टकराहट की स्थिति रही है. किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर आते रहे और सरकार पर उनकी मांगों को पूरा न करने के आरोप लगाते रहे. माना जा रहा है कि इससे पूरे देश में बीजेपी की छवि धूमिल हुई, जिसका फायदा देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को हुआ. इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को लेकर कई वादे भी किए हैं. 

हिस्सेदारी न्यायः कांग्रेस अपनी चुनावी रैलियों में लगातार हिस्सेदारी न्याय की बात करती रही है. हिस्सेदारी न्याय के तहत पर पार्टी की ओर से देश में जाति आधारित जनगणना कराने की गारंटी दी गई और उस आधार पर लोगों के हिस्सेदारी के बंटवारे की भी बात की गई. इसे भी कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है. 

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