लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव गुरुवार को अपने चाचा शिवपाल को मनाने पहुंचे और करीब एक घंटे तक चाचा और भतीजे के बीच मिशन 2022 में होने वाले चुनाव में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि मुलाकात में ये तय हुआ है कि समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी गठबन्धन के साथ चुनाव लड़ेगी.
चाचा शिवपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे अखिलेश
पिछले कई माह से चाचा शिवपाल और उनके भतीजे अखिलेश यादव एक दूसरे के प्रति नरमी दिखा रहे थे. ऐसे में लंबे समय से यह कयास लगाए जा रहे थे कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ही चाचा और भतीजा फिर से एक हो सकते हैं.
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नगर व जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक के बाद ही अखिलेश यादव शिवपाल के आवास पहुंचे. काफी दिनों से दोनों दलों के एक होने की चर्चा चल रही थी.
ऐसे में अखिलेश का शिवपाल के आवास जाना, दोनों के एक होने का संकेत दे रहा है. शिवपाल और अखिलेश की मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली और उसके बाद अखिलेश निकल गए. उन्होंने इस दौरान मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. यह भी बताया जा रहा है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पहले से ही शिवपाल के आवास पर मौजूद थे.
चुनाव में प्रसपा के साथ गठबंधन करेगी सपा
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार ट्वीट के माध्यम से लिखा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है. अब "बाइस में बाइसिकल".
इस दौरान शिवपाल यादव के घर के बाहर दोनों नेताओं के समर्थकों की भीड़ भी जमा हो गई और दोनों की एकता के नारे लगाने लगे.
इस मुलाकात के बाद अब माना जा रहा है कि सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन हो सकता है. शिवपाल यादव इससे पहले मीडिया में कई बार यह बयान देते रहे हैं कि अखिलेश को जो फैसला करना है वह जल्दी करें. वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश यादव यह कह रहे थे कि समय आने पर मुलाकात और बातचीत हो जाएगी. आखिरकार वह गुरुवार को अपने चाचा शिवपाल के पास पहुंच गए.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे, उसी दौरान ही चाचा और भतीजे की राह अलग हो गई थी. इसके बाद शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की पार्टी अभी तक अकेले चुनाव लड़ रही थी. इस बार दोनों ने फिर से एक होने के संकेत दिए हैं.
उधर, सपा मुखिया अखिलेश और शिवपाल की मुलाकात को लेकर भाजपा के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने निशाना साधा और कहा कि सपा-बसपा मिलकर भाजपा को नहीं हरा पाईं. अब चाचा-भतीजा मिलकर क्या कर लेंगे. दोनों की मुलाकात से भाजपा को फर्क नहीं पड़ता.
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