जानिए क्यों उस दिन खुद को राजा समझने लगे थे Rajpal Yadav?

राजपाल यादव (Rajpal Yadav) को दर्शकों के बीच उनकी बेहतरीन कॉमेडी के लिए जाना जाता है. आज राजपाल अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं, इस खास दिन पर दुनियाभर के फैंस उन्हें ढेरों शुभकामानएं दे रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 16, 2021, 10:17 AM IST
  • राजपाल यादव ने अपने करियर में कई मुश्किलें का सामना किया हैं
  • एक बार वह अपनी जेब में 5 रुपये रखकर खुद को राजा समझने लगे थे
जानिए क्यों उस दिन खुद को राजा समझने लगे थे Rajpal Yadav?

नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव (Rajpal Yadav) ने इंडस्ट्री में एक बेहतरीन कॉमेडियन के तौर पर अपनी खास पहचान बनाई हैं. फैंस उनकी कॉमिक टाइमिंग के हमेशा दीवाने रहते हैं. ऐसे में आज राजपाल दुनियाभर में पहचान हासिल कर चुके हैं. राजपाल यादव का जन्म 16 मार्च 1971 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था.

हर किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारते हैं राजपाल

राजपाल आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस खास दिन पर देशभर से उन्हें ढेरों शुभकामनाएं हासिल हो रही हैं. राजपाल यादव उन सितारों में से एक हैं, जो किसी भी तरह के किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारने में माहिर हैं.

हालांकि, राजपाल के लिए यह सफलता हासिल कर पाना आसान नहीं था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1999 में रिलीज हुई फिल्म 'दिल क्या करे' से की थी. इसके बाद वह लगातार कई फिल्मों का हिस्सा बने.

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औसत परिवार से हैं राजपाल

राजपाल ने शुरुआत से ही अपनी निजी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया है. उनका बचपन भी एक आम औसत वर्ग के परिवार में रहने वाले बच्चे जैसा ही बिता. राजपाल ने एक बार अपने एक इंटरव्यू में बचपन से जुड़ी उस बात का जिक्र किया था. जब वह सिर्फ 5 रुपये में राजा बन गए थे.

शहर स्कूल पढ़ने जाते थे राजपाल

राजपाल ने एक इंटरव्यू में अपने बचपन के किस्से को याद करते हुए बताया था कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने की वजह से उनके पिता चाहते थे कि वह पढ़-लिखकर बडे़ इंसान बन जाएं. इसीलिए उन्होंने राजपाल का एडमिशन शहर के एक स्कूल में करवा दिया. गांव से शहर जाने के लिए राजपाल और उनके बड़े भाई को ट्रक में बैठकर जाना पड़ता था.

राजपाल की लगी थी 65 रुपये की लॉटरी

उन दिनों उनके बडे़ भाई को एक रुपये मिलते थे. एक दिन राजपाल की नजर एक लॉटरी वाले पर पड़ी, उन्होंने अपने भाई से एक रुपये लिए वह लॉटरी का टिकट खरीद लिया.

अगले दिन स्कूल से आते समय वह दोबारा लॉटरी वाले के पास पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि उन्हें 65 रुपये का इनाम मिला है.

5 रुपये लेकर खुद को राजा समझने लगे थे राजपाल

इसके बाद राजपाल ने उन 65 रुपयों में से 10 रुपये की और लॉटरी की टिकट खरीद ली, 50 रुपये उन्होंने अपने बड़े भाई को दे दिए और 5 रुपये अपनी जेब में रख लिए. राजपाल कहते हैं कि उन 5 रुपयों में भी वह खुद को राजा समझ रहे थे, क्योंकि तब उन्हें एक भी पैसा घर से नहीं मिलता था.

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