नई दिल्ली: अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण की मंगल घड़ी आ गई है. मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन अगले महीने 5 अगस्त को होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ही मंदिर का भूमि पूजन होगा. लेकिन इस माजरे पर सियासत भी गरमा गई है.
राम मंदिर पर कांग्रेस की "गंदी सियासत"
1. भूमि पूजन के लिए पीएम मोदी के अयोध्या दौरे पर कांग्रेस को ऐतराज
2. कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा- प्रधानमंत्री को अयोध्या नहीं जाना चाहिए
3. नेहरू सोमनाथ नहीं गए थे, वो सेक्युलर स्टेट के मुखिया था- हुसैन दलवई
4. कुछ लोग सोचते हैं कि राम मंदिर से कोरोना खत्म हो जाएगा- शरद पवार
5. शरद पवार का बयान रामद्रोही है, भगवान राम के ख़िलाफ़ है- उमा भारती
कांग्रेस का कहना है कि पीएम को भूमिपूजन के लिए अयोध्या नहीं जाना चाहिए, मतलब साफ है कि कांग्रेस मानती है कि भूमि पूजन से पीएम सांप्रदायिक हो जाएंगे.
कांग्रेस ने कहा कि नेहरू सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन के लिए नहीं गए थे, मतलब साफ है कि कांग्रेस के मुताबिक धर्मनिरपेक्ष देश के पीएम को मंदिर नहीं जाना चाहिए.
हुसैन दलवई ने पूछा है कि प्रधानमंत्री के भूमि पूजन करने का क्या मतलब है? मतलब साफ है कि कांग्रेस को प्रधानमंत्री को मंदिर के भूमि पूजन करने पर ऐतराज है.
शरद पवार का कहना है कि कुछ सोचते हैं राम मंदिर बनाने से कोरोना खत्म हो जाएगा, मतलब ये कि राम मंदिर निर्माण में रोड़ा अटकाने के लिए कोरोना का सहारा?
प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त को अयोध्या जा सकते हैं. दिल्ली से विशेष विमान से अयोध्या एयरपोर्ट पहुचेंगे. अयोध्या एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से साकेत कॉलेज जाएंगे. साकेत कॉलेज से सड़क माध्यम से श्रीराम जन्मभूमि परिसर जाएंगे. साकेत कॉलेज से श्रीराम जन्मभूमि की दूरी करीब 2 किलोमीटर है. बता दें, टेढ़ी बाज़ार होते हुए जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे. कांग्रेस की इस डर्टी पॉलिटिक्स के बीच यहां आपका ये भी जानना जरूरी है कि नेहरू सोमनाथ क्यों नहीं गए थे.
सोमनाथ क्यों नहीं गए नेहरू?
1. नेहरू मानते थे- सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन सरकारी कार्यक्रम नहीं है
2. नेहरू मानते थे- सोमनाथ मंदिर से सरकार को कोई लेना-देना नहीं
3. नेहरू मानते थे- कुछ ऐसा न करें जो धर्मनिरपेक्ष देश के लिए ठीक नहीं
4. नेहरू मानते थे- धर्मनिरपेक्षता प्रभावित करने वाले काम से सरकार दूर रहे
भूमि पूजन में कौन-कौन होंगे शामिल?
- भूमि पूजन कार्यक्रम में 250 अतिथि शामिल होंगे
- अयोध्या के प्रमुख साधु-संत कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे
- प्रस्तावित राम मंदिर की ऊंचाई अब 161 फीट होगी
- प्रस्तावित राम मंदिर में 3 के बजाय अब 5 गुंबद होंगे
- अयोध्या आंदोलन से जुड़े सभी वरिष्ठ और महत्वपूर्ण लोग होंगे
- संघ, विश्व हिंदू परिषद के महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी शामिल होंगे
- केन्द्र और यूपी सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद रहेंगे
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से न्योता भेजा जा रहा है
- न्योता देने के लिए लिस्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है
सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर में अब तीन नहीं पांच शिखर होंगे. प्रस्तावित राम मंदिर की ऊंचाई भी 161 फीट तक बढ़ाई गई है. राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में 250 अतिथि ही शामिल होंगे.
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अयोध्या के प्रमुख साधु संत, भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहेंगे. अयोध्या आंदोलन से जुड़े सभी वरिष्ठ और महत्वपूर्ण लोग भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. ट्रस्ट की तरफ से न्योता भेजा जा रहा है. केंद्र और यगी सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्री भी भूमि पूजन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. अंतिम सूची तैयार की जा रही है, कोरोना संक्रमण की वजह से अथितियों की संख्या सीमित रखी जा रही है.
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