नई दिल्ली: लोकसभा में दो सांसदों ने सोमवार को अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति और मौलाना आजाद फेलोशिप को फिर से शुरू करने की मांग की. उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए मौलाना आजाद फेलोशिप को समाप्त कर दिया गया है, वहीं इस वर्ग के लिए सरकार की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति अब पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए लागू नहीं है.
किसे मिलती थी मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति?
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दानिश अली ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति दी जाती थी जिसे बंद कर दिया गया है.
उन्होंने सदन में 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि उक्त छात्रवृत्ति और मौलाना आजाद फेलोशिप को बहाल किया जाना चाहिए.
दानिश अली ने अल्पसंख्यकों के लिए उठाई आवाज
दानिश अली ने कहा, 'देश की समृद्धि के लिए सभी को साथ में लेकर चलना होगा. आप अल्पसंख्यकों को पीछे छोड़कर तरक्की कैसे कर सकते हैं.'
एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने भी यह मांग उठाई. उन्होंने चर्चा में भाग लेते हुए कहा, 'अगर फेलोशिप को बंद कर दिया जाता है तो अल्पसंख्यक बच्चे कैसे पढ़ेंगे, वे कैसे तरक्की करेंगे.'
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