नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ भारत में सबसे बड़ी जंग की शुरुआत हो चुकी है और कोरोना को हराने के इस युद्ध में वो हर व्यक्ति सैनिक है. जो कोरोना वायरस से जागरूक भी है और दूसरों को जागरूक भी कर रहा है. याद रखिए कि इस बीमारी का अभी तक सिर्फ एक इलाज़ है और वो इलाज़ है सावधानी
भारत में कोरोना के 110 मरीज
भारत में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 110 को छू चुका है. जबकि 30 जनवरी को भारत में पहला केस मिला था और 48 दिन बाद यानी आज तक भारत में 110 मरीज़ हो चुके हैं. ये वायरस 200 गुणा तेजी से फैल रहा है.
क्या कहता है भारत का महामारी अधिनियम?
- सार्वजनिक सूचना के ज़रिए महामारी के रोकथाम के उपाय होंगे
- व्यक्ति या समूह को अस्पताल, अलग जगह रखने का अधिकार होगा
- महामारी की बीमारी से पीड़ित के छिपने/ छिपाने पर जुर्माने/ सज़ा का प्रावधान
- महामारी एक्ट में सरकारी अधिकारियों को कानूनी सुरक्षा का भी प्रावधान
जो कोरोना वायरस पीड़ित हैं, अगर वो छिपने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ क्या-क्या एक्शन हो सकते हैं. इसकी जानकारी भी आपको होनी चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना को महामारी घोषित कर चुका है. भारत में महामारी से रोकथाम के लिए महामारी अधिनियम, 1897 है. इस खास एक्ट के मुताबिक सार्वजनिक सूचना के जरिये महामारी के प्रसार की रोकथाम के उपाय होंगे.
सरकार को पता लगे कि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह महामारी से ग्रस्त है तो उन्हें किसी अस्पताल या अस्थायी आवास में रखने का अधिकार होगा. महामारी एक्ट 1897 के सेक्शन 3 में जुर्माने का प्रावधान भी है जिसमें सरकारी आदेश नहीं मानना अपराध होगा और IPC की धारा 188 के तहत सजा भी मिल सकती है.
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महामारी एक्ट में सरकारी अधिकारियों को कानूनी सुरक्षा का भी प्रावधान है. अगर कानून का पालन कराते समय कोई अनहोनी होती है तो सरकारी अधिकारी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.
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