Farmers protest: टिकैत का टाइम खत्म, अब टिकरी में बजेंगे लट्ठ!

दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर 95 दिनों से किसान आंदोलन के नाम पर दंगा ब्रिगेड ने अड्डा जमा रखा है. अब टिकरी के आसपास बसे करीब 60 गांव के लोगों ने ठान लिया है कि दंगा ब्रिगेड को हटाना है.  

Written by - Rajendra Kumar | Last Updated : Mar 1, 2021, 03:59 PM IST
  • टिकरी के 60 गांवों में महापंचायत, आंदोलनजीवियों को अल्टीमेटम
  • पुलिस ने बॉर्डर नहीं खाली कराया तो खुद लट्ठ चलाएंगे गांव वाले
Farmers protest: टिकैत का टाइम खत्म, अब टिकरी में बजेंगे लट्ठ!

नई दिल्ली: टिकरी बॉर्डर पर बसे गांवों के किसानों ने टिकैत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है. आंदोलनजीवियों के खिलाफ बॉर्डर के गांवों में गुस्सा चरम पर है. गांव के किसानों ने टिकैत एंड कंपनी को 24 घंटे का जो अल्टीमेटम दिया था उसका वक्त भी खत्म हो चुका है. 60 गांवों के लोग एक सुर में बोल रहे हैं कि हमारा बॉर्डर खाली करो वरना रण भीषण होगा.

टिकरी बॉर्डर पर 95 दिनों से किसान आंदोलन के नाम पर दंगा ब्रिगेड ने अड्डा जमा रखा है. अब टिकरी के आसपास बसे करीब 60 गांव के लोगों ने ठान लिया है कि दंगा ब्रिगेड को हटाना है. इसके लिए पुलिस से भी शिकायत की गई है लेकिन गांव वालों ने एक सुर में ऐलान कर दिया है कि अगर पुलिस ने उनका साथ नहीं दिया तो वो खुद लट्ठ लेकर दंगा ब्रिगेड के अड्डे पर पहुंचेंगे और उन्हें वहां से खदेड़ेगे.

ये भी पढ़ें- Corona Vaccine: एक वैक्सीन लगवाकर पीएम मोदी ने क्या पांच संदेश दिए, जानिए

दरअसल टिकरी के आसपास बसे गांव में हाईवे बंद होने से भारी नुकसान हो रहा है. जो कारें, ट्रक और सवारी गाड़ियां हाईवे से होकर गुजरती थीं अब वो गांवों की सड़कों पर दौड़ रही हैं. इससे गांव में दिन भर जाम लगा रहता है. सड़कें टूट जाने से धूल का गुबार उड़ता रहता है.

गांववालों को खेत-खलिहान जाने में परेशानी होती है. भारी जाम से जो दूरी 1 घंटे में तय होती थी वो अब 4 घंटे में तय होती है. हादसों का डर बना रहता है. सड़क हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है. जाम की वजह से कई लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाए और उनको जान से हाथ धोना पड़ा. आंदोलनकारियों की वजह से प्रदूषण और गंदगी बढ़ने से बीमारियां बढ़ रही हैं.

ये भी पढ़ें- Happy Birthday Nitish Kumar : जानिए रामलखन बाबू का 'मुन्ना' कैसे बना 'विकास' पुरुष

टिकरी में टिकैत तेरी खैर नहीं

बॉर्डर पर बसे झड़ौदा कलां गांव में सबसे ज्यादा गोभी की खेती होती है. दिल्ली में सबसे ज्यादा और अच्छी क्वालिटी की गोभी झड़ौदा कलां गांव के किसान ही सप्लाई करते हैं. लेकिन इस बार बॉर्डर बंद होने और हाई वे पर अराजक गैंग के कब्जे की वजह से तमाम किसानों ने गोभी की खड़ी फसल पर मजबूरी में ट्रैक्टर चला दिया.

कुछ किसानों ने औने-पौने दाम पर अपनी फसल बेची. गांव वालों का कहना है कि गोभी के सीजन में ही केवल गांव वालों को 1 करोड़ का नुकसान हो चुका है. इसके अलावा जो किसान पशुपालन करते हैं और दूध दिल्ली सप्लाई करते हैं उन्हें भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि जाम में फंसने की वजह से कई बार दूध खराब हो जाता है तो कई बार इतना वक्त निकल जाता है कि पशुपालकों को वापस लौटना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- Big News: PM Modi ने लगवाई Corona Vaccine

किसानों का कहना है कि इस महीने के आखिर तक गेहूं की फसल की कटाई होनी है अगर दंगा ब्रिगेड ने टिकरी बॉर्डर नहीं खाली किया तो कैसे कटाई मशीनें आएंगी. लेबर कैसे मिलेंगे. ऐसे में गेहूं की फसल भी कैसे अनाज मंडी तक पहुंचेगी. यहां के सैकड़ों किसानों का आरोप है कि सियासी पार्टियों से चंदा लेकर राकेश टिकैत अपनी जेब भरने में लगे हैं जबकि असली किसान बर्बाद हो रहे हैं.

टिकैत को कैलेंडर की फिक्र किसान की नहीं

बीकेयू के प्रवक्ता और बाबा टिकैत के छोटे नवाब राकेश टिकैत को सियासत की धुन सवार है. उन्होंने अपना नया कैलेंडर जारी करते हुए मार्च में 6 राज्यों में जनसभाएं करने का ऐलान किया है.

टिकैत के प्रपंच का नया कैलेंडर

1 मार्च, रुद्रपुर, उत्तराखंड

2 और 3 मार्च, राजस्थान

5 मार्च, इटावा, यूपी

6 मार्च- तेलंगाना

7 मार्च- गाजीपुर, यूपी

ये भी पढ़ें- क्यों गई उद्धव के मंत्री की कुर्सी? जानिये 22 साल की पूजा चव्हाण की आत्महत्या का पूरा सच

8 मार्च, श्योपुर, एमपी

10 मार्च, बलिया, यूपी

12 मार्च, जोधपुर, राजस्थान

14 मार्च, रीवा, मध्य प्रदेश

20,21,22 मार्च, कर्नाटक

टिकरी के आसपास बसे गांव वालों की मांग है कि टिकैत को जेल में डालो. टिकैत के 40 लाख ट्रैक्टर लेकर संसद घेरने के बयान से भी किसान नाराज हैं और उनका कहना है कि इस बार एक भी ट्रैक्टर गांव से नहीं जाने देंगे.

ये भी पढ़ें- जानिये कौन हैं बबीता राजपूत जिनकी पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में की तारीफ

आंदोलनजीवी गैंग पर लूट-छेड़छाड़ का आरोप

झड़ौदा कलां के लोगों ने आंदोलनजीवी गैंग पर बेहद संगीन आरोप लगाए हैं. उनका दावा है कि आंदोलन में शामिल गुंडे शराब के नशे में गांव में घुस आते हैं और बहन-बेटियों से छेड़छाड़ करते हैं. उनकी हरकतों की वजह से लड़कियां घरों से निकलने की हिम्मत नहीं कर पाती.

कई लड़कियों ने तो स्कूल जाना बंद कर दिया है. देश का मान- मां-बाप का अभिमान होती है लेकिन आंदोलन में शामिल अराजक गुंडा गैंग की वजह से बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है. बच्चों के एग्जाम शुरू होने वाले हैं लेकिन बॉर्डर जाम होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. एग्जाम छूट जाने का खतरा है.

ये भी पढ़ें- ISRO ने सफलतापूर्वक लांच किया अमेजोनिया-1, अंतरिक्ष में गूंजेगा गीता का संदेश

...तो शहर से कट जाएगा झड़ौदा कलां गांव

झड़ौदा कलां गांव में उस पुलिया को खतरा पैदा हो गया है जो गांव को शहर से जोड़ती है. किसानों का कहना है कि हाईवे पर कब्जा होने और बॉर्डर बंधक होने से भारी ट्रक भी उसी पुलिया से गुजरते हैं. अगर कमजोर हो चुकी पुलिया टूट गई तो झड़ौदा कलां गांव का दिल्ली से संपर्क टूट जाएगा.

ये भी पढ़ें- कई राज्यों में कोरोना की नई लहर हो रही खतरनाक, हरकत में केंद्र सरकार

गांव के लोग गुस्से में राकेश टिकैत से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या राकेश टिकैत उनकी फसल का हर्जाना दिला देंगे. क्या राकेश टिकैत खराब हो चुकी सड़क बनवा देंगे. इन सवालों के जवाब देने का वक्त टिकैत के पास नहीं है क्योंकि वो सियासी स्यापा करने में बिजी हैं.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़