Farmers Protest: किसान नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी आंदोलन को किस ओर ले जाएगी?

जब से आंदोलन की दंगी बिग्रेड पर पुलिस का शिकंजा कसा है तब से किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chaduni), नरेश टिकैत (Naresh Tikait), राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) किसानों को भड़काने के लिए उल्टी सीधी बयानबाजी कर रहे हैं.

Written by - Rajendra Kumar | Last Updated : Feb 20, 2021, 03:15 PM IST
  • चढ़ूनी क्या किसानों को चंबल के डकैत बनाएंगे?
  • नरेश टिकैत का बीजेपी के खिलाफ फतवा!
Farmers Protest: किसान नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी आंदोलन को किस ओर ले जाएगी?

नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Kisan Andolan)  में अब चंबल के डकैतों की एंट्री हो चुकी है. चौंक गए न ..दरअसल आंदोलन के लठैत अब डकैत बनकर पुलिस को बंधक बनाने की साजिश रच रहे हैं. हरियाणा के हिसार में किसान महापंचायत हुई जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने किसानों को भड़काया और दिल्ली पुलिस के जवानों को बंधक बनाने को कहा.

इतना ही नहीं चढ़ूनी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि बंधक पुलिसवालों को तब तक नहीं छोड़ें जब तक स्थानीय प्रशासन वहां न पहुंच जाए और जब घुटने के बल बैठकर मिन्नतें करे तभी पुलिसवालों को छोड़ें. टूल किट का भांडाफोड़ होने के बाद चढ़ूनी जैसे फर्जी किसान नेता अब खालिस्तानी जुबान बोलने लगे हैं.

दरअसल टूल किड का भांडाफोड़ होने के बाद आंदोलन की दंगा ब्रिगेड पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) का शिकंजा कसता जा रहा है. 120 जीबी डेटा डीकोड करने में जुटी पुलिस से डरे किसान नेताओं को गिरफ्तारी का भय सता रहा है.

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पहले किसानों की जिस संख्या बल को दिखाकर ‘डकैत गैंग’ सरकार को घेर रहा था अब उसके कहने पर किसान आंदोलन में आ नहीं रहे. दिनोंदिन सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर के टिकैत औऱ दूसरे नेताओं के तंबू उखड़ते जा रहे हैं और वहां बस नाम के किसान बचे हैं जो आढ़तिये हैं. असली किसान अब आंदोलन छोड़कर अपने खेतों को लौट चुके हैं.

खालिस्तानी फंडिग खत्म, आंदोलन ब्रेक!

सूत्रों के हवाले से खबर ये है कि दिल्ली में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की भीड़ भाड़े पर बुलाई गई थी जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और खालिस्तानी आतंकियों ने फंडिंग किया था. टूल किट से इसका खुलासा हो चुका है.

संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता ने कबूल किया है कि फंडिंग के चलते ही आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान जुट रहे थे. आतंकी साजिश वाली फंडिंग से ही दिन रात लंगर चल रहे थे. अब धीरे-धीरे लंगर भी बंद हो चुके हैं.

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अब आंदोलन के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के पास ज्यादा फंड नहीं बचा क्योंकि ISI और खालिस्तानी आतंकियों से आ रही फंडिंग पर सरकार नकेल कस चुकी है. जी हिन्दुस्तान पहले ही देश के सामने सबूत रख चुका है कि आंदोलन की फंडिंग ISI ने की थी. इसके लिए विदेशी दूतावासों में ISI ने खालिस्तानी आतंकियों मो धालीवाल और गुरपतवंत सिंह पन्नू का इस्तेमाल किया था.

टूल किट से खुलासा हुआ है कि धालीवाल ने निकिता जैकब के जरिए दिशा रवि और शांतनु को अपने पाले में किया. पुलिस शांतनु के बैंक खातों की जांच कर रही है. दिशा रवि का ग्रेटा थनबर्ग कनेक्शन पहले ही खुल चुका है और रिहाना से लेकर मिया खलीफा के ट्विटर वाली साजिश भी खुल चुकी है.
 
बड़े टिकैत का बीजेपी के खिलाफ फतवा!

उधर यूपी के मुजफ्फरनगर में टिकैत के कस्बे सिसौली में किसान महापंचायत बुलाई गई जहां बड़े टिकैत नरेश (Naresh Tikait) ने बीजेपी के खिलाफ एक और ‘फतवा’ जारी किया. नरेश टिकैत ने कहा कि लोग बीजेपी के नेताओं को शादियों और दूसरे सामाजिक समारोहों में ना बुलाएं.

अगर उन्होंने बीजेपी नेताओं को ऐसे किसी समारोह में बुलाया और खाना खिलाया तो उन्हें दंड स्वरूप किसान यूनियन के 100 कार्यकर्ताओं को खाना खिलाना पड़ेगा. नरेश टिकैत का दिमाग इतना खराब हो चुका है कि अब वो इसे अपना आदेश बता रहे हैं.

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क्या कोई किसान नेता गांववालों को ऐसी आदेश दे सकता है. ऐसा करने का अधिकार उन्हें किसने दिया है. टिकैत (Rakesh Tikait) को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने अपनी जुबान बदली और कहा कि अगर किसी ने समारोह में बीजेपी नेताओं को बुलाया और उनसे दुर्व्यवहार किया तो वे भारतीय किसान यूनियन को दोष देंगे.

इसलिए मैं कहता हूं कि उन्हें अपने घर में ही खुश रहना चाहिए. अगर आप चाहें तो इसे बायकॉट भी समझ सकते हैं.

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बयान बहादुरों को दिल्ली पुलिस देख लेगी

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि किसान आंदोलन के सिलसिले में अब तक 152 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. कुछ लोग जांच में शामिल नहीं होना चाहते लेकिन यहां उनकी मर्जी नहीं चलेगी उन्हें नोटिसों का जवाब देना होगा और अगर कानून तोड़ा है तो गिरफ्तारी भी होगी. किसानों के नाम पर दिल्ली में अराजकता करने वाले दंगा गैंग को यूं नहीं छोड़ा जाएगा.

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