नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का आज 88वां जन्मदिन है. दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली वायुसेना का इतिहास बड़ा गौरवशाली रहा है.
राफेल (Rafael), तेजस (Tejas), सुखोई (Sukhoi) और ग्लोबमास्टर जैसे अत्याधुनिक विमानों से लैस हमारी वायुसेना दुश्मनों के दिल में दहशत और देशवासियों के लिए हृदय में गर्व की भावना पैदा करती है.
दुनिया के सामने भारतीय वायुसेना की ताकत
भारतीय वायुसेना के गौरवशाली अतीत से जुड़े कई कार्यक्रम गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर आयोजित किए गए. इस बार के आयोजन में 56 एयरक्राफ्ट्स ने हिस्सा लिया. जिसमें राफेल, जगुवार, तेजस समेत सुखोई और मिराज भी शामिल थे.
इस बार का मुख्य आकर्षण रहा नया नवेला राफेल विमान. जिसे स्टेटिक डिस्प्ले में सबसे बीच में स्थान दिया गया. इसके अलावा फ्लाई पास्ट की फॉर्मेशन्स में भी राफेल को जगह दी गई. विजय फॉर्मेशन में राफेल के साथ मिराज-2000 और जगुआर फाइटर जेट्स भी शामिल रहे.
इसके अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर फॉर्मेशन में तेजस और सुखोई विमानों की क्षमता दुनिया के सामने आई. इस बार सभी फाइटर जेट्स 5-5 की फॉर्मेशन में उड़ान भरते दिखे.
#AFDay2020
A momentous journey of Eighty Eight Years. Indian Air Force is ever ready to INNOVATE , INTEGRATE & INTIMIDATE.Promo video of IAF on the occasion of 88th Anniversary.
Jai Hind! pic.twitter.com/8hFIzCqpdb
— Indian Air Force (@IAF_MCC) October 5, 2020
बेहद गौरवशाली है इतिहास
8 अक्टूबर 1932 को जब भारतीय वायुसेना का गठन हुआ. तब इसका नाम रॉयल इंडियन एयर फोर्स (Royal Indian Airforce) था. आजादी मिलने के बाद सन् 1950 में इसका नाम बदलकर इंडियन एयरफोर्स (Indian Airforce) कर दिया गया. भारतीय वायुसेना का ध्येय वाक्य है 'नभःस्पृशं दीप्तम्'. इसके अलावा इसे "सैबर का कातिल" कहा जाता है. ये नाम इसलिए पड़ा क्योंकि सन् 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के पास सैबर जेट नाम के अत्याधुनिक विमान थे. जिनका पूरा स्क्वैड्रन भारत के जांबाज वायुसैनिकों ने ध्वस्त कर दिया था.
दुनिया की सबसे अनुशासित और विशाल सैन्य बलों में एक
हमारी वायुसेना में करीब 1 लाख 39 हजार से ज्यादा जवान हैं. यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है. हमारे आगे मात्र अमेरिका, चीन और रूस जैसे बड़े देश ही हैं. हमारे पास सी-17 ग्लोबमास्टर जैसे विशाल मालवाहक विमान हैं जो कि भारी भरकम टैंक तक ढोने में सक्षम हैं. हमारे लड़ाकू विमान दुश्मन का हर किला ढहा देने में सक्षम हैं.
इसके चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टर दुश्मन की रीढ़ पर करारा वार करने में माहिर हैं. खास तौर पर राफेल के आ जाने के बाद तो भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान दोनों को मात देने में सक्षम हो गई है.
सफल सर्जिकल स्ट्राइक से कीर्ति में लगे चार चांद
26 फरवरी के दिन सुबह के 3.30 बजे जब पूरा देश सो रहा था तब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने नियंत्रण रेखा पार करके आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ठिकानों को तबाह कर दिया था. यह पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की मौत का बदला था.
इस एयर स्ट्राइक के बाद पूरी दुनिया भारतीय वायुसेना की ताकत का लोहा मान गई थी.
भारतीय वायुसेना ने हमेशा दुश्मन को मात दी
आजादी के बाद भारत ने दुश्मन देश पाकिस्तान से चार युद्ध लड़े और हर बार वायुसेना के जांबाजों ने दुश्मन के दांत खट्टे किए. ऐसा माना जाता है कि 1962 में चीन से युद्ध के दौरान भारत ने अपनी वायु सेना का इस्तेमाल किया होता तो शायद युद्ध का परिणाम कुछ और ही होता.
1971 के युद्ध में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी थी. वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने 29 पाकिस्तानी टैंकों, 40 ए.पी.सी और एक ट्रेन को बमबारी कर तबाह कर दिया था. पाकिस्तानी सेना के समर्पण से पहले वायुसेना ने पाकिस्तान के 94 लड़ाकू विमान भी मार गिराये थे. कारगिल युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने अपनी शक्ति का परिचय दिया। करगिल में 18 हजार फीट की ऊंचाई से पाकिस्तानी घुसपैठियों और दुश्मन की सेना को खदेड़ने में वायुसेना की बड़ी अहम भूमिका थी.
ये है भारतीय वायुसेना की ताकत
भारतीय वायुसेना में 857 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 809 अटैक एयरक्राफ्ट और 323 ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं. इसके अलावा वायुसेना के पास हेलीकॉप्टरों का भी विशाल बेड़ा मौजूद है. जिसमें 16 अटैक हेलिकॉप्टरों समेत कुल 666 हेलिकॉप्टर हैं.
इस वक्त भारत के पास ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट के रूप में पर्सिवल प्रेंटिस, एच. टी-2, हार्वार्ड स्पिटफायर, टाइगर मॉथ, वैंपायर जैसे विमान भी हैं. भारतीय वायुसेना के मिराज, मिग-21, मिग-27, मिग-29, बिसन, जैगुआर, वैंपायर, तूफानी, हंटर और नैट जैसे विमान किसी भी दुश्मन के पांव जमीन से उखाड़ सकते हैं. भारत के बॉम्बर्स एयरक्राफ्ट पर नजर डालें तो लिबरेटर और कैनबरा आसमान से ही दुश्मन के किले को ढहाने में सक्षम हैं. भारत के पास Mi-2, Mi-35, MI-26, MI-17V5, चेतक और चीता जैसे ताकतवर हेलीकाप्टर भी हैं। चेतक और चीता हेलिकॉप्टर बेड़ा भारतीय वायु सेना में खोज और बचाव कार्यों में भी अहम भूमिका अदा करते हैं.
अत्याधुनिक विमानों से लैस है वायुसेना
भारतीय वायुसेना में शामिल सी-17 ग्लोबमास्टर का बेड़ा बेहद गर्म और ठंडे वातावरण में भी उड़ान भर सकता है. ये टैंक से लेकर मिसाइल हर छोटा बड़ा हथियार और 188 सैनिकों को लेकर उड़ान भर सकता है. पहाड़ो में ये विमान छोटी सी हवाई पट्टी पर भी उतर सकता है. ये विमान 1500 फीट पर आपातकाल में उतारने में सक्षम है। 70 टन वजन ले जाने में सक्षम और 42 हजार किमी तक की उड़ान भर सकता है. इस तरह के विशालकाय विमान का इस्तेमाल करने वाले देशों में अमेरिका, रूस और चीन ही शामिल हैं.
ट्रांसपोर्ट एयरक्राप्ट के रूप में डाकोटा, डीवान सी-119, बॉक्सकार, ऑटर्स, वाइकाउंट, इलिशिन और पैकेट हर मुश्किल हालात में सेना को मदद पहुंचाने के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं. टोही विमानों में स्पिटफायर, ऑस्टर और हार्वार्ड जैसे विमान 24 घंटे दुश्मन की हरकतों पर नजर रखने में सक्षम हैं.
इसके अलावा हाल ही में फ्रांस से आए राफेल की खूबियों के बारे में तो कहना ही क्या. इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें.
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