नई दिल्लीः ओडिशा स्थित जगन्नाथ मंदिर के तहखाने में पर्याप्त मात्रा रत्न भंडार होने की संभावना व्यक्त की जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस भंडार घर के दो हिस्से हैं. एक बाहरी हिस्सा और दूसरा भीतरी हिस्सा. एक हिस्से में भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र द्वारा इस्तेमाल किए आभूषणों का संग्रह है, तो दूसरे हिस्से में पर्याप्त आभूषणों का भंडार है.
राजाओं से दान में मिले थे आभूषण
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो मंदिर के तहखाने में मौजूद ये बेशकीमती आभूषण ओडिशा के पूर्ववर्ती राजाओं द्वारा दान में दिए गए थे. इतिहासकार बताते हैं कि प्राचीन काल में राजा दूसरे अन्य राज्यों से युद्ध जीतने के बाद हाथी-घोड़े पर सोना-चांदी लादकर लाते थे, तो उनमें से कुछ हिस्सा चढ़ावा के रूप में दान करते थे. मंदिर के तहखाने में मौजूद बेशकीमती आभूषण राजाओं द्वारा दान किए गए आभूषण बताए जाते हैं.
मंदिर के तहखाने में सुरक्षित हैं आभूषण
बता दें कि ये आभूषण आज भी मंदिर के तहखाने में सुरक्षित रखे गए हैं. साल 2018 में ओडिशा के तत्कालीन कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा में इस बात की जानकारी दी थी कि मंदिर के भंडार कक्ष में 12 हजार 831 भारी सोने के आभूषण हैं. रिपोर्ट्स की मानें, तो 46 सालों से मंदिर का भीतर भंडार कक्ष नहीं खुला है. वहीं, बाहरी कक्ष को हर साल रथ यात्रा के दौरान पूजा के लिए खोला जाता है.
2018 में हुई थी कक्ष खोलने की कोशिश
ऐसी बात नहीं है कि मंदिर के उस कक्ष को खोलने की कोशिश नहीं की गई. साल 2018 में राज्य सरकार ने जांच के लिए रत्न भंडार को खोलने की तैयारी की, लेकिन उस दौरान कमरे की चाबी नहीं मिली. लिहाजा कक्ष नहीं खोला जा सका. इस कक्ष को खोलने के लिए ओडिशा सरकार से अनुमति लेनी होती है.
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