नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार दिए. इस दौरान भावुक करने वाला पल आया जब पीएम मोदी को स्वामी शिवानंद ने दंडवत प्रणाम किया तो उनके सम्मान में प्रधानमंत्री मोदी भी झुक गए.
साल 1896 में हुआ था जन्म
वाराणसी के 126 साल के स्वामी शिवानंद नंगे पैर पद्मश्री पुरस्कार लेने के लिए पहुंचे थे. आपको बता दें कि बाबा शिवानंद का जन्म साल 1896 में हुआ था. बाबा शिवानंद बंगाल से काशी पहुंचे. गुरु ओंकारानंद से शिक्षा लेने के बाद वे योग और धर्म में बड़े प्रकांड पुरुष साबित हुए.
बताया जाता है कि एक महीने के अंदर बाबा शिवानंद की बहन, मां और पिता की मौत हो गई थी. उन्होंने कर्मकांडियों के घोर विरोध के बाद भी अपने परिजनों को मुखाग्नि की जगह चरणाग्नि दी.
उबला भोजन और सब्जी खाते हैं बाबा
बाबा शिवानंद ने 34 साल तक दुनिया का भ्रमण किया. वह अमेरिका, रूस, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया घूमे. इसके बाद भारत लौटे. बाबा शिवानंद आज भी ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करते हैं. उबला भोजन और सब्जी ही खाते हैं.
सीडीएस बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण
बता दें कि सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद्म पुरस्कार वितरित किए गए. इनमें जनरल बिपिन रावत (मरणोपरांत), गीताप्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका (मरणोपरांत) और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई हस्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए.
इन्हें मिले पद्म पुरस्कार
इनके अलावा पद्म पुरस्कार पाने वालों में गुलाम नबी आजाद, पंजाबी लोक गायिका गुरमीत बावा (मरणोपरांत), टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन, पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि, कोविड रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख साइरस पूनावाला आदि शामिल रहे.
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