समाजवादी पार्टी का परिवारिक ड्रामा हमेशा चलता रहता है. अखिलेश यादव ने अपने अभिमान में सभी बड़े और वरिष्ठ नेताओं को किनारे कर दिया था लेकिन इसके बाद उन्हें लगातार शिकस्त मिल रही है.
माही के मामले में देखें तो उनकी रिटायरमेंट को लेकर चर्चाएं जबसे चल पड़ी थीं, तबसे ही सियासत में आने का सुर्रा सोशल मीडिया पर चल निकला था. तर्क दिया जाता है कि एक ताकतवर और कद्दावर शख्सियत हमेशा ही ताकतवर रहना चाहती है.
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के खानकुल इलाके में यह बवाल हुआ. शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराने को लेकर दो गुट भिड़ गए. आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता को भी इस दौरान बुरी तरह पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई.
शुक्रवार को गहलोत सरकार ने विश्वास प्रस्ताव जीत लिया है, सरकार बचा ले गए हैं. वह सीएम बने हुए हैं. और पायलट...पायलट का क्या. उनका विरोध की उड़ान भर रहा प्लेन क्रैश हो गया है. वह इस वक्त विधानसभा में बैठे हैं. लेकिन एक सवाल उनका पीछा नहीं छोड़ेगा.
उत्तरप्रदेश में ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र को आज मध्यप्रदेश के आगर से गिरफ्तार कर लिया गया. इन्हीं विधायक ने कहा था कि ब्राम्हण हूं, कहीं पुलिस एनकाउंटर न कर दे.
राजस्थान में आज से विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ भाजपा और कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर भी शुरू होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही है तो वहीं भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है.
पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) 2020 ड्राफ्ट की कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि प्रकृति को सजाने और संवारने के लिए मोदी सरकार को अधिक मेहनत करनी चाहिए.
त्यागी शाम तक पूरी तरह स्वस्थ थे. उन्होंने ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी कि वह एक चैनल के डिबेट कार्यक्रम में शामिल होंगे. वह इस डिबेट में शामिल भी हुए, लेकिन इसके बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उन्हें गाजियाबाद के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
सचिन पायलट की कांग्रेस में दोबारा घर वापसी हो गयी है. राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत से चल रहे गतिरोध पर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की नींद आखिर खुल गयी और कांग्रेस के दो बड़े नेताओं में मचे घमासान का निपटारा हुआ.
कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया. सिंह के विश्वास प्रस्ताव को विधानसभा में एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान लंबी चर्चा के बाद मत-विभाजन के लिए रखा गया जिसमें सरकार सफल रही.
खबर मिली है कि राहुल-सचिन मुलाकात के बाद सोमवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है. कांग्रेस का वरिष्ठ अमला या ऐसा कहें कि पारिवारिक अमला अब मिलकर पूरी तरह एकजुट होकर राजस्थान में आए भूचाल को थामने की कोशिश में लगा है.
कांग्रेस के लिए इतनी राहत तो है कि पायलट पहले ही कह चुके थे कि वह भाजपा में नहीं जाएंगे,. लेकिन फिर भी 'सिंधिया' की जली पार्टी पायलट से फूंक-फूंक कर ही बात करती है. सोमवार को यह तय रहा कि सचिन पायलट सुबह के भूले बनेंगे और शाम को लौट कर पार्टी में आएंगे. हालांकि अभी अटकलें ही हैं.
कांग्रेस पार्टी की दुर्गति अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है. यह स्थिति वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से देखी नहीं जा रही है. वह दबे स्वर में ही सही लेकिन गांधी खानदान से छुटकारा पाने के लिए आवाज उठाने लगे हैं.
इन दिनों उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी अजब राजनीति कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सियासी मुद्दों के लिए तरस रहे अखिलेश यादव इन दिनों ब्राह्मणों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.
राजस्थान की राजनीति का बहुत अहम और महत्वपूर्ण चरण शुरू होने जा रहा है. 14 अगस्त से राज्य की विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. इससे पहले कांग्रेस अपने विधायकों को मनाने में जुटी है.