इंग्लैंड से मिली हार ने खोली भारतीय टीम की पोल, जानें किन कमियों से जूझ रही है रोहित की सेना

वहीं जब भारतीय टीम 8वीं बार इस मैदान पर टेस्ट मैच खेलने के लिये उतरी तो पहले 3 दिन के खेल के बाद ऐसा लगा जैसे कि शायद अब उसकी जीत का इंतजार खत्म हो जाये और वो एजबास्टन में अपनी पहली जीत का जश्न मना सके. हालांकि 1967 से चल रहे भारतीय टीम का इंतजार 2022 में भी खत्म नहीं हुआ और इंग्लैंड की टीम ने 378 रन बनाकर 7 विकेट से मैच को अपने नाम कर लिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 6, 2022, 03:29 PM IST
  • भारतीय टीम के बैटर्स लगातार कर रहे हैं निराश
  • साउथ अफ्रीका-इंग्लैंड में गंवाया इतिहास रचने का मौका
इंग्लैंड से मिली हार ने खोली भारतीय टीम की पोल, जानें किन कमियों से जूझ रही है रोहित की सेना

नई दिल्ली: बर्मिंघम शहर के एजबास्टन मैदान ने 1902 में बतौर टेस्ट ग्राउंड अपना डेब्यू किया था. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में टेस्ट ग्राउंड बनने के बाद से ही एजबास्टन के इस मैदान ने अब तक सैकड़ों मैचों की मेजबानी की है लेकिन 100 साल से ज्यादा के इस दौर में उसने कभी भी भारतीय टीम की जीत को नहीं देखा है. भारतीय टीम इस मैदान पर अब तक 8 टेस्ट मैच खेल चुकी है जिसमें उसे 7 बार हार तो वहीं पर एक बार ड्रॉ का सामना करना पड़ा है.

वहीं जब भारतीय टीम 8वीं बार इस मैदान पर टेस्ट मैच खेलने के लिये उतरी तो पहले 3 दिन के खेल के बाद ऐसा लगा जैसे कि शायद अब उसकी जीत का इंतजार खत्म हो जाये और वो एजबास्टन में अपनी पहली जीत का जश्न मना सके. हालांकि 1967 से चल रहे भारतीय टीम का इंतजार 2022 में भी खत्म नहीं हुआ और इंग्लैंड की टीम ने 378 रन बनाकर 7 विकेट से मैच को अपने नाम कर लिया.

हार से ज्यादा हारने के तरीके ने किया निराश

भारतीय टीम की इस हार से ज्यादा उसके घुटने टेकने के तरीके ने फैन्स का दिल तोड़ने का काम किया है. इंग्लैंड की टीम ने पिछले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में 300 के करीब रनों के स्कोर को आसानी से चेज किया था लेकिन इस बार उन्होंने 400 रन के करीब मिले स्कोर की भी धज्जियां उड़ा दी.

इंग्लैंड की टीम ने अपने टेस्ट क्रिकेट के 145 सालों के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर आसानी से चेज कर लिया, जिसके पीछे उनके खेलने के अंदाज को श्रेय दिया जा रहा है. इंग्लैंड के खेमे में ब्रैंडन मैक्कलम के जुड़ने के बाद से एक नई टीम नजर आ रही है, जिसने पिछले 10 महीनों में मिली शर्मनाक हार का बदला लेना शुरू किया है.

इस हार ने भारतीय टेस्ट टीम की पोल खोल दी है और वर्ल्ड क्रिकेट में लगातार 5 सालों तक दबदबा बना कर रखने वाली टीम पर कई सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं. 1983 में विश्वकप जीतने के बाद से भारतीय क्रिकेट का जिस तरह से विकास हुआ है उसे देखते हुए वह मौजूदा समय की अनचैलेंज्ड टीम होनी चाहिये थी, हालांकि ऐसा हो नहीं रहा है.

आईपीएल को दोषी मानते हैं कई क्रिकेटर

कई दिग्गजों ने इसके पीछे भारत में खेली जाने वाली इंडियन प्रीमियर लीग को दोषी बताया है. इनका मानना है टी20 प्रारूप में ज्यादा क्रिकेट खेलने की वजह से खिलाड़ियों में टेस्ट क्रिकेट के प्रति लगाव कम होता जा रहा है, तो वहीं पर भारतीय बल्लेबाजों के फॉर्म में हो रही लगातार गिरावट भी इसका बड़ा कारण बनती जा रही है.

भारत के पास 15 सालों में पहली बार इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर हराने का मौका था तो वहीं पर साउथ अफ्रीका को उसके घर में पहली बार मात देने का गोल्डन चांस, लेकिन दोनों ही मौकों पर उसके बल्लेबाजों ने निराश किया और बड़ी पारियां खेलने में नाकाम रहने के चलते टीम को जीत नहीं दिला सके.

बाउंसर्स और शॉर्ट बॉल की कमजोरी का शिकार हैं भारतीय बैटर

भारतीय बैटर्स लगातार बाउंसर्स और शॉर्ट बॉल के जाल में फंसते नजर आते हैं, जो कि इन खिलाड़ियों की तकनीक को लेकर सवाल खड़ा करता है. नये हेड कोच राहुल द्रविड़ के साथ टीम के आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन कोई भी कोच आपको कुंए तक पहुंचने का रास्ता दिखा सकता है लेकिन उससे पानी निकालकर पीना खुद खिलाड़ी को आना चाहिये.

वहीं रोहित शर्मा कप्तान बनने के बाद से अब तक एक भी विदेशी सरजमीं टेस्ट नहीं खेल सके हैं. चोट के चलते वो साउथ अफ्रीका दौरे से बाहर हो गये थे तो वहीं पर कोरोना ने इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी मैच से भी बाहर कर दिया. भारतीय टीम को इस मैच में रोहित शर्मा और केएल राहुल की कमी काफी खली, जिसका असर मैच के नतीजे में भी नजर आया.

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