नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों में जुटे भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी और ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में बताया कि वे अहम मैच से एक रात पहले क्या करते हैं.
प्रतियोगिता से एक रात पहले गाने सुनते हैं नीरज
प्रतियोगिता से पहले की रात नीरज चोपड़ा क्या करते हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं प्रतियोगिता से पहले गाने सुनना पसंद करता हूं और इस दौरान प्रतियोगिता के बारे में सोचता हूं. मैं भाला फेंक से जुड़े वीडियो भी देखना पसंद करता हूं. इससे मुझे एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है. अपने पसंदीदा खाने के अलावा ट्रेनिंग के कारण चोपड़ा कई बार रिश्तेदारों और मित्रों के साथ त्योहार या फिर विवाह समारोह का हिस्सा नहीं बन पाते लेकिन उन्हें इसका बिलकुल भी मलाल नहीं है.
नीरज चोपड़ा को पसंद है तुर्की मिठाई
अपनी फिटनेस और ट्रेनिंग को लेकर कितने प्रतिबद्ध हैं. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्हें ‘बकलावा’ (तुर्की की एक प्रकार की लोकप्रिय मिठाई) काफी पसंद है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस मिठाई से दूरी बना रखी है.
नीरज चोपड़ा ने कहा कि उन्हें बकलावा और मीठा पसंद है लेकिन वह अपनी फिटनेस और ट्रेनिंग से कोई समझौता नहीं करते इसलिए पसंद होने के बावजूद इन चीजों से दूरी बनाकर रखते हैं. टोक्यो ओलंपिक चैंपियन चोपड़ा ने कहा कि मुझे बकलावा और मीठा काफी पसंद है लेकिन जब भी ये चीजें मेरे सामने आती हैं तो मैं मुंह फेर लेता हूं. ये चीजें सिर्फ कुछ देर का ही मजा देती हैं.
खिलाड़ियों के लिए फिटनेस और ट्रेनिंग काफी मायने रखती है या तो आप जीभ का मजा ले सकते हैं या फिर ट्रेनिंग का फायदा उठा सकते हैं. अगर मैं मीठा खाता हूं तो ट्रेनिंग के दौरान महसूस हो जाता है कि कुछ कमी पड़ रही है इसलिए मैं इन चीजों से दूर रहता हूं.’’ ट्रेनिंग और प्रतियोगिता के दौरान के खान-पान के बारे में चोपड़ा ने कहा कि इन दोनों ही समय के उनके खाने में अंतर होता है.
बचपन में क्रिकेट और कबड्डी भी खेलते थे नीरज
चोपड़ा ने कहा कि ट्रेनिंग और सामान्य समय के खान-पान में काफी अंतर होता है. जब हम ट्रेनिंग कर रहे होते हैं तो प्रोटीन युक्त भोजन अधिक खाते हैं जबकि प्रतियोगिता के आसपास हम कारबोहाइड्रेट युक्त भोजन पर अधिक ध्यान देते हैं क्योंकि उस समय ऊर्जा की अधिक जरूरत होती है.
उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग और प्रतियोगिता के दौरान कई बार हम परिवार और मित्रों के साथ त्योहार नहीं मना पाते या विवाह समारोह में हिस्सा नहीं ले पाते लेकिन मुझे इन सब चीजों का बिलकुल भी मलाल नहीं है. मैंने कभी महसूस नहीं किया कि मुझे कुछ त्यागना पड़ रहा है. सच कहूं तो मैं इस बारे में कभी सोचता ही नहीं.’’ चोपड़ा बचपन में वॉलीबॉल, कबड्डी और क्रिकेट जैसे खेल खेलते थे लेकिन उन्होंने कभी भाला फेंक अलावा किसी अन्य खेल में करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा.
ओलंपिक चैंपियन चोपड़ा ने कहा, ‘‘जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो मजे के लिए वॉलीबॉल खेलता था. मैं कबड्डी भी खेला हूं और सभी की तरह मैंने क्रिकेट भी खेला है. पेशेवर तौर पर हालांकि मैंने भाला फेंक के अलावा कोई अन्य खेल नहीं खेला. जब मैं स्टेडियम गया तो मुझे भाला फेंक ही पसंद आया.’’
चोपड़ा ने साथ ही कहा कि वह अपेक्षाओं का दबाव महसूस नहीं करते और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘स्टेडियम में हजारों लोग आपकी हौसलाअफजाई करते हैं और तालियां बजाकर आपका मनोबल बढ़ाते हैं. लेकिन मैं जब भाला लेकर खड़ा होता हूं तो मेरे ऊपर इन चीजों का असर नहीं पड़ता. मेरा ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर होता है. यही मेरी मानसिकता रहती है. लोग क्या कर रहे हैं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.’’
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