नई दिल्लीः भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने चेतेश्वर पुजारा को ‘बलि का बकरा’ बनाने और घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले सरफराज खान को अगले महीने वेस्टइंडीज में होने वाले दो टेस्ट मैचों की सीरीज की टीम से नजरअंदाज करने के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की आलोचना की है.
रणजी ट्रॉफी के आयोजन पर उठाया सवाल
सरफराज को टीम में जगह नहीं देने से खफा गावस्कर ने रणजी ट्रॉफी के आयोजन पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि टेस्ट टीम का चयन में देश के शीर्ष घरेलू टूर्नामेंट के प्रदर्शन को नजरअंदाज कर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार किया जा रहा है.
'सरफराज लगभग 100 के औसत से रन बना रहा'
गावस्कर ने कहा, ‘सरफराज खान पिछले तीन सत्र से लगभग 100 की औसत से रन बना रहा है. उसे टीम में जगह बनाने के लिए क्या करना होगा? हो सकता है कि उसे अंतिम एकादश में जगह ना मिले लेकिन टीम में उनका चयन तो होना ही चाहिए था.’ इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘उसे ऐसा लगना चाहिए कि उसके प्रदर्शन को सराहा जा रहा है. अगर ऐसा नहीं है तो रणजी ट्रॉफी खेलना बंद कर दें. आईपीएल में अच्छा खेलकर अगर आप टेस्ट टीम में जगह बना लेंगे तो फिर रणजी ट्रॉफी का कोई फायदा नहीं है.’
सरफराज के प्रथम श्रेणी मैचों में हैं 13 शतक
सरफराज ने 2022-23 रणजी ट्रॉफी में तीन शतकों की मदद से छह मैचों में 92.66 की औसत से 556 रन बनाए. इस 25 साल के दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 2021-22 रणजी सत्र में 122.75 की औसत से 982 रन बनाए थे, जिसमें चार शतक शामिल थे. सरफराज ने अब तक 37 प्रथम श्रेणी मैचों में 79.65 की औसत से 3,505 रन बनाए हैं, जिसमें 13 शतक शामिल हैं.
उन्होंने पुजारा को टेस्ट टीम से बाहर किये जाने पर कहा कि सोशल मीडिया पर इस खिलाड़ी के फॉलोअर्स की संख्या विराट कोहली या रोहित शर्मा जैसी नहीं है. उनके लिए आवाज उठाने वाले ज्यादा लोग नहीं है.
'पुजारा को टीम से बाहर करना समझ से परे'
गावस्कर ने सवाल किया, ‘उन्हें हमारी बल्लेबाजी की विफलताओं के लिए बलि का बकरा क्यों बनाया गया है? वह भारतीय क्रिकेट के एक वफादार सेवक, एक शांत और सक्षम व्यक्ति रहे हैं. किसी भी मंच पर उनके लाखों फॉलोवर नहीं हैं, जो उनके मामले में शोर मचाएंगे. उन्हें टीम से बाहर करना समझ से परे है.’
'पुजारा को टीम से बाहर करने का क्या मापदंड'
इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘पुजारा को टीम से बाहर करना और विफल हुए अन्य खिलाड़ियों को टीम बनाये रखने का क्या मापदंड है? मैं इसके कारण के बारे में नहीं जानता क्योंकि आजकल चयन समिति के अध्यक्ष या ऐसे किसी भी व्यक्ति के साथ मीडिया की कोई बातचीत नहीं होती है जहां आप चयनकर्ताओं से सवाल कर सकें.’
उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूटीसी फाइनल में अजिंक्य रहाणे को छोड़कर सभी बल्लेबाज विफल हुए थे तो टीम से बाहर सिर्फ पुजारा क्यों हुए.’
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