न्यू ईयर पार्टी पर कोरोना की ‘रेड’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आगाह किया है कि नए साल की पार्टी और भीड़भाड़ में जाने से लोग बचें.

Written by - Rajendra Kumar | Last Updated : Dec 30, 2020, 01:21 PM IST
  • 'पिंक सिटी' पर नए स्ट्रेन का ख़तरा
  • भारत नए स्ट्रेन को भी हराएगा
  • नये स्ट्रेन से संक्रमित कोरोना मरीजों में क्या हैं लक्षण?
न्यू ईयर पार्टी पर कोरोना की ‘रेड’

नई दिल्ली: नए साल की पार्टी का धमाल बस शुरू होने वाला है लेकिन इस धमाल पर ‘रेड’ मार दी है ब्रिटेन से आए नए कोरोना स्ट्रेन ने. लिहाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आगाह किया है कि नए साल की पार्टी और भीड़भाड़ में जाने से लोग बचें. लोगों को मास्क पहनने और दो गज दूरी के नियम का पालन करने को भी कहा गया है.

दरअसल मंत्रालय की चिंता ब्रिटेन से दुनिया भर में फैले नए कोरोना स्ट्रेन को लेकर है. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का एक और स्ट्रेन फैला है हालांकि ब्रिटेन वाले स्ट्रेन के 6 संक्रमित मरीजों की पुष्टि भारत में हुई है लेकिन अभीतक दक्षिण अफ्रीका वाले स्ट्रेन से संक्रमित एक भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है.

भारत में ब्रिटिश स्ट्रेन वाले जिन 6 कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है उनमें 3 बेंगलुरू, 2 हैदराबाद और एक मरीज पुणे में इलाज करा रहा है. उनकी सेहत में फिलहाल कोई बड़ी गिरावट नहीं देखी जा रही है. लेकिन चिंता की बात ये है कि ब्रिटेन जहां से ये नया स्ट्रेन भारत में फैला है वहां 60 फीसदी कोरोना मरीजों में मिले कोरोना वायरस में म्युटेशन पाया गया है. चिंता वाली एक और बात ये है कि नया स्ट्रेन 70 फीसदी ज्यादा रफ्तार से फैलता है.

नया स्ट्रेन सितंबर में ही एक्टिव हो चुका था लेकिन इसका पता दिसंबर में चल पाया तबतक ब्रिटेन में नए स्ट्रेन के मरीज तेजी से बढ चुके थे. सरकार ने 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच विदेश से आने वाले हर मुसाफिर की लिस्ट तैयार की है और जिनमें भी कोरोना का संक्रमण मिला है उनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं . देश जीनोम सिक्वेसिंग के लिए 10 लैब को जिम्मेदारी सौंपी गई है जिनमें NIBMG कोलकाता, ILS भुवनेश्वर, NIV पुणे, CCS पुणे, CCFD हैदराबाद, निमहंस बेंगलुरू और NCDC दिल्ली प्रमुख हैं.

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नया स्ट्रेन कितना घातक?

अभीतक हुई जांच के बाद मेडिकल एक्सपर्ट इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि वुहान लैब से निकले कोरोना वायरस के मुकाबले नया स्ट्रेन इंसानी कोशिकाओं पर ज्यादा असर डालता है और तेजी से बीमार करता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला और महामारी निगरानी और देश में कोरोना वायरस की समूची 'जीनोम सीक्वेंसिंग' के विस्तार और ये समझने के लिए भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम स्थापित किया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि वायरस का प्रसार किस तरह होता है और इसकी उत्पत्ति किस तरह होती है.

भारत ने वायरस के नए वैरिएंट का पता लगाने और इसे रोकने के लिए एक सक्रिय रणनीति तैयार की है. इसमें 23 दिसंबर की मध्यरात्रि से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से आनेवाली सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रोकने और ब्रिटेन से लौटे सभी हवाई यात्रियों की आरटी-पीसीआर से जांच अनिवार्य करना शामिल है.

'पिंक सिटी' पर नए स्ट्रेन का ख़तरा

गुलाबी नगरी जयपुर में नए स्ट्रेन का खतरा सबसे ज्यादा है. जयपुर में प्रशासन ने ब्रिटेन से लौटे 800 लोगों की सूची जारी उन्हें क्वारंटीन करने के निर्देश दिए थे लेकिन अभीतक 17 मुसाफिरों को प्रशासन खोज नहीं पाया है. अगर इनमें किसी भी मुसाफिर में नए स्ट्रेन का संक्रमण मिला तो फिर हालात संभालना मुश्किल होगा क्योंकि बीते तीन दिन में पता नहीं कितने लोगो से ये मुसाफिर मिले होंगे. ब्रिटेन से राजस्थान लौटे जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट आई है उनमें उदयपुर में 5 और 1 जालौर में पॉजिटिव मिला है. गहलोत सरकार की ये लापरवाही कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर भारी पड़ सकती है.

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एमपी में क्यों हैं दहशत?

नए स्ट्रेन को लेकर मध्य प्रदेश में माहौल डरावना है. जबलपुर में ब्रिटेन से लौटे 44 मुसाफिरों में 1 महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. आगे की जांच के लिए उनका जीनोम सिक्वेंस कराया जा रहा है जिसका सैंपल दिल्ली भेजा गया है . लेकिन नए स्ट्रेन से खौफ इस कदर है कि स्वास्थ्यकर्मी भी इंदौर और भोपाल में सैंपल लेने से डर रहे हैं. कुछ लोगों ने ये भी आरोप लगाया है कि सैंपल भेजने में भी लापरवाही बरती जा रही है. ऐसी लापरवाही की भारी कीमत मध्य प्रदेश को चुकानी पड़ सकती है.

भारत नए स्ट्रेन को भी हराएगा

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहन है कि नया स्ट्रेन भले ही तेजी से फैलता है लेकिन जैसे हमने कोरोना के खिलाफ जंग जीती है वैसे ही हम नए स्ट्रेन के खतरे से भी निपट लेंगे. लेकिन जबतक इसके जीनोम का पूरा पता नहीं चल पाता देश के लोगों को वही नियम अपनाने होंगे जो पहले अपना रहे थे. मंत्रालय ने राज्यों को भी अलर्ट किया है कि वो जब चाहें राज्य में नाइट पार्टी में कर्फ्यू लगा सकते हैं.

मुंबई में नए साल का जश्न बैन कर दिया गया है और 5 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. पंजाब में अमरिंदर सरकार ने 1 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. हिमाचल प्रदेश में 5 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है जबकि राजस्थान ने न्यू ईयर पार्टी पर पाबंदी लगा दी है. दिल्लीवालों को भी न्यू ईयर पार्टी करने के लिए पहले से मंजूरी लेनी होगी.

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नये स्ट्रेन से संक्रमित कोरोना मरीजों में क्या हैं लक्षण?

कोरोना के ज्यादातर लक्षण पुराने ही हैं लेकिन नए लक्षणों में सीने में तेज दर्द की शिकायत मरीजों ने की है और याददाश्त कमजोर होने की समस्या भी सामने आई है.

हिन्दुस्तान के करीब साढ़े ग्यारह करोड़ अन्नदाता पीएम किसान सम्मान निधि योजना का फायदा ले रहे हैं.लेकिन केंद्र को नीचा दिखाने की गरज में ममता बनर्जी सरकार ने बंगाल के 70 लाख किसानों को इसका फायदा लेने से रोक रखा है.

पिछले दिनों पीएम मोदी ने देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये की मदद डाली तो इस मुद्दे पर ममता को घेरा.

जाहिर है ममता हों, केजरीवाल हों, राहुल गांधी हों या लेफ्ट के नेता कृषि सुधार कानून के विरोध के पीछे उनकी सियासी मजबूरियां ज्यादा नजर आ रही हैं. तभी तो पीएम मोदी और बीजेपी खुलकर कह रहे हैं कि अन्नदाता से विपक्ष की हमदर्दी खालिस सियासी है.

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