Uighurs की पहचान के लिए ड्रैगन ने तैयार किया सॉफ्टवेयर

उइगरों के खिलाफ चीन ने चली है एक नई चाल और उनकी पहचान के लिए तैयार किया है एक नया सॉफ्टवेयर जिसके माध्यम से अब चीन रखेगा उइगरों पर नज़र.. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 18, 2020, 06:36 PM IST
  • अलीबाबा ने बनाया है सॉफ्टवेयर
  • कंपनी का उईगर मुसलमानों के प्रति व्यवहार बदला
  • अमेरिकी रिसर्च कम्पनी ने खोला है ये राज़
Uighurs की पहचान के लिए ड्रैगन ने तैयार किया सॉफ्टवेयर

नई दिल्ली.  दुनिया में चीन का अमानवीय चेहरा उइगर मुस्लिमों के साथ किये जा रहे बुरे  बर्ताव के ज्यादा सामने आ रहा है. इसी मुद्दे को लेकर चीन दुनिया के निशाने पर भी है किन्तु फिर भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन की एक कम्पनी ने अब चेहरा पहचानने वाला एक सॉफ्टवेयर बनाया है जो उइगरों पर नज़र रखने के काम में इस्तेमाल किया जा रहा है. 

अलीबाबा ने बनाया है सॉफ्टवेयर 

चीन में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर चीन ने अपना शिकंजा कसने के लिए एक और तैयारी कर ली है. इस बार चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक अलीबाबा की मदद ली है और उनसे एक ऐसा विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कराया जो कि चेहरे की थ्रीडी इमेज (3-D Image) बनाकर व्‍यक्ति की पहचान करने में सक्षम है. ये खुलासा न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स (New York TImes) की एक रिपोर्ट से हुआ है. ये रिपोर्ट बताती है कि अलीबाबा कंपनियों ने फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर के उपयोग का विकल्‍प इस्तेमाल करके चीन की मंशा को अंजाम देने का काम किया है.

व्यवहार बदल गया है 

अमेरिकन मीडिया की इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीनी कंपनी अलीबाबा (Alibaba) अब देश में रहने वाले उइगर मुस्लिमों से अलग ढंग से पेश आ रही है. चीन की सरकार इस कम्पनी के माघ्यम से उइगुर मुसलमानों तक अपनी पहुंच बनाने का काम कर रही है. चीन की सरकार और ये कंपनी इन लोगों के साथ विवादास्‍पद व्यवहार करती दिखाई दे रही है. कंपनी की वेबसाइट का हवाला दे कर ये रिपोर्ट बताती है कि कंपनी की क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस (Clowd Computing Service) के दायरे में आने पर इस सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से न सिर्फ उइगरों बल्कि अन्य अल्पसंख्यक समूह के लोगों की भी तस्वीरों और वीडियो के जरिए पहचान की जा सकती है. 

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रिसर्च कम्पनी ने खोला है ये राज़ 

अमेरिका की मीडिया के पास ये जानकारी अमेरिका की ही एक रिसर्च कंपनी आईपीवीएम (IVPM) के जरिये पहुंची है. इस मीडिया रिपोर्ट के सामने आने से अलीबाबा की वेबसाइट से उइगर और विशेष जातीय अल्पसंख्यकों के बारे में दी गई पहचान को फिलहाल हटा लिया गया है. 

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