एक गलत क्लिक की वजह से गंवाई थी IIT की सीट, अब सुप्रीम कोर्ट के हुक्म पर मिलेगा दाखिला
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam803789

एक गलत क्लिक की वजह से गंवाई थी IIT की सीट, अब सुप्रीम कोर्ट के हुक्म पर मिलेगा दाखिला

अदालत ने आईआईटी बॉम्बे से अपने हुक्म में कहा कि वह स्टूडेंट को अंतरिम प्रवेश दे. पीठ ने इसके साथ ही अर्ज़ी पर आईआईटी, बॉम्बे को नोटिस जारी किया और यह अर्ज़ी शीतकालीन छुट्टी के बीच सुनवाई के लिए लिस्टेड कर दी

फाइल फोटो

आगरा: सुप्रीम कोर्ट ने आगरा के 18 साल के स्टूडेंट सिद्धांत बत्रा को राहत दी है. अदालत ने अपने हुक्म में उसे आईआईटी मुंबई की इंजीनियरिंग ब्रांच में अंतरिम प्रवेश देने का फैसला सुनाया है. सिद्धांत ने गलत क्लिक की वजह से IIT बॉम्बे की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बी.टेक कोर्स की सीट गंवा दी थी. इसके बाद उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले की चुनौती थी लेकिन वहां से अर्जी खारिज होने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी.

यह भी पढ़ें: पश्चिमी बंगाल: TMC के गढ़ में हुआ JP नड्डा के काफिले पर हमला, कैलाश विजयवर्गीय जख्मी

जस्टिस संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस ऋशिकेष रॉय की पीठ ने सिद्धांत की तरफ से एडवोकेट प्रह्लाद परांजपे के कथन को संज्ञान में लिया था. इसके बाद अदालत ने आईआईटी बॉम्बे से अपने हुक्म में कहा कि वह स्टूडेंट को अंतरिम प्रवेश दे. पीठ ने इसके साथ ही अर्ज़ी पर आईआईटी, बॉम्बे को नोटिस जारी किया और यह अर्ज़ी शीतकालीन छुट्टी के बीच सुनवाई के लिए लिस्टेड कर दी.

यह भी पढ़ें: PM मोदी ने रखा नए संसद भवन का संगे बुनियाद, सभी मज़हब के रहनुमा रहे मौजूद

दअसल, आगरा के सिद्धांत बत्रा ने JEE की इम्तिहान में ऑल इंडिया 270वीं रैंक हासिल की थी. वह अनाथ है और दादी व चाचा के साथ रहता है. उसे 'अनाथ पेंशन' मिलती है. अच्छी रैंक के बाद उसने आईआईटी-बॉम्बे (IIT-Bombay) में अपनी पसंद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बी.टेक कोर्स में जगह पक्की कर ली थी. लेकिन, यह सीट उसने अपनी एक गलती के चलते 15 दिन में ही गंवा दी. 

यह भी पढ़ें: दरिंदगी: महिला की आंख-नाक और मुंह में भरी मिट्टी, गले में साड़ी बांधकर 50 मीटर तक घसीटा

18 अक्टूबर को पहले राउंड में उसने इस सीट को सेलेक्ट कर लिया था लेकिन, रोल नंबर को अपडेट करने के दौरान उसने 'अगले राउंड में सीट वापसी' के लिंक पर गलती से क्लिक कर दिया. यहां क्लिक करने का मतलब ये था कि उसे इस सीट पर एडमिशन की जरूरत नहीं है.

यह भी पढ़ें: अरेंज या लव मैरिज के बारे में तो जानते हैं, क्या कभी लैवेंडर मैरिज के बारे में सुना है?

10 नवंबर को नहीं आया था दूसरी लिस्ट में नाम
10 नवंबर को अगली यानी दूसरी लिस्ट आनी थी लेकिन उसमें सिद्धांत का नाम नहीं था. अपनी इस गलती को उसने अदालत में चैलेंज किया. 19 नवंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में सिद्धांत ने अर्ज़ी लगाते हुए वैकेशन बेंच से कहा कि वे आईआईटी को हिदायात दीं कि वे 2 दिनों के अंदर इस पर गौर करे. जब लेट रजिस्ट्रेशन के लिए महज दो दिन रह गए थे. ऐसे में आईआईटी बॉम्बे ने बत्रा की अर्ज़ी को खारिज कर दी थी. 

यह भी पढ़ें: नए संसद भवन के निर्माण पर खर्च होंगे इतने करोड़, इन मामलों में है खास

सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
आईआईटी-बॉम्बे ने कहा कि उसके पास खाली सीट नहीं थी और बत्रा अगले साल अर्ज़ी दे सकते हैं. आईआईटी बॉम्बे ने बत्रा की अर्ज़ी को खारिज कर दिया था. इसक बाद सिद्धांत ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट को एक इज़ाफी सीट जोड़ने के लिए अर्ज़ी लगाई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की.

यह भी पढ़ें: शादीशुदा मर्द कर लें किशमिश और शहद से दोस्ती, एक नहीं अनेक हैं फायदे

Zee Salaam LIVE TV

Trending news